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Dev Deepawali 2022 LIVE: जगमगा उठे काशी के घाट, लाखों की संख्या में दीयों को जलाने के लिए जुटे लोग

Dev Deepawali 2022: काशी की इस देव दीपावली में इस बार दस लाख दीयों से घाट जगमग होंगे तो दूसरी ओर गंगा उस पार रेती पर पांच लाख दीप जलेंगे।

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Newstrack Network
Published on: 7 Nov 2022 1:47 PM GMT (Updated on: 7 Nov 2022 1:47 PM GMT)
Dev Deepawali 2022 in Varanasi
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Dev Deepawali 2022 in Varanasi: Photo - Social Media

Dev Deepawali 2022:सूरज की ढलती किरणों के साथ देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी (Mahadev Nagri Kashi) देव दीपावाली की शोभा निराली हो गयी है। देवलोक को न्यारी काशी आज स्वर्ग से पधारे देवताओं का अपने अंदाज में स्वागत कर रही है। बनारस के घाटों पर आज धूमधाम से देव दीपावली मनाई जा रही है। शहर के सभी घाट दीपों से जगमगा रहे हैं।

बता दें की वाराणसी में अस्सी घाट से लेकर राजघाट के बीच लाखों दीयों से पूरा शहर ही जगमगा चुका है। वाराणसी के सौ से अधिक घाटों पर दीप महोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है। जिसके लिए गंगा घाटों को भव्य तरीके से सजाया गया है। अर्ध् चंद्राकार काशी के सभी चौरासी घाटों पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। सभी दुलहन की तरह सजे नजर आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो वाराणसी (varanasi) के सांसद भी हैं उनके मां गंगा ने बुलाया है के संकल्प के बाद शिव के त्रिशूल पर बसी काशी की शोभा कुछ निराली ही हो गई है। कल कल करती गंगा और उसके किनारे घाटों की एक लंबी श्रृंखला बहुत ही मनमोहक छटा बना रही है।

Dev Deepawali 2022 LIVE Update-

- काशी नगरी वाराणसी में देव दीपावली का महापर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। काशी के घाटों पर लाखों दीये जलाए जा रहे हैं।

-जलते हुए दीपों से काशी के घाट जगमगा उठे हैं। लाखों की संख्या में लोग इन दीयों को जलाने के लिए जुटे हुए हैं।

दस लाख दीयों से घाट जगमग

काशी की इस देव दीपावली में इस बार दस लाख दीयों से घाट जगमग हो रहे हैं। दूसरी ओर गंगा उस पार रेती पर पांच लाख दीप जलेंगे। जो इस बात का एहसास करा रहे हैं जैसे गंगा किनारे स्वर्ग उतर आया है। और वह पल आ गया है जिसका इंतजार हर काशीवासी को होता है।

सबसे खास आयोजन प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर होता है। यहां पर अध्यात्म और राष्ट्रवाद का अदभुत संगम देखने को मिल रहा है। घाट किनारे अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाई गई है, जो अमर शहीदों के शौर्य और बलिदान को समर्पित होती है।

काशी में देव दीपावली मनाने की परंपरा

लगभग तीन दशक पहले पंचगंगा घाट से शुरू हुआ एक छोटा सा कार्यक्रम आज काशी की पहचान बन चुका है। वक्त के साथ जैसे जैसे कार्यक्रम का रंग गाढ़ा हुआ उसने उत्सव का रूप ले लिया। जैसे होली, दीपावली और दशहरा मनाया जाता है, कुछ वैसे ही काशी में देव दीपावली मनाने की परंपरा बन चुकी है। घाट की सीढियों को लांघकर अब देव दीपावली काशी के घर घर तक पहुंच चुकी है।

कहते हैं कि महाभारत युद्ध के बाद अपने पितरों की याद में सबसे पांडवों ने देव दीपावली का आयोजन किया था। आज देव दीपावली के अवसर पर देश पर जान न्योछावर करने वाले वीर सपूतों का स्मरण किया जाएगा।

Shashi kant gautam

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