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UP News: नेम प्लेट विवाद में योगी के समर्थन में उतरे देवकीनंदन ठाकुर, नाम बदलकर ढाबा चलाने वालों को बताया मारीच
UP News: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है और इस वीडियो में वे योगी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं।
UP News: उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा मार्ग में पर स्थित दुकानों के मालिकों के लिए नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के फरमान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में बहस शुरू हो गई है और सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे की खासी चर्चा है। इस बीच प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है और उन्होंने योगी सरकार के फरमान का खुलकर समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार के इस आदेश को लेकर फिजूल का विवाद खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह मक्का जाने को लेकर रूल और रेगुलेशन बने हुए हैं, उसी तरह गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाने को लेकर भी कई तरह के नियम है। इन नियमों का पालन करना जरूरी है। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को लेकर विवाद खड़ा करने का कोई मतलब ही नहीं है।
हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर चला रहे हैं ढाबा
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है और इस वीडियो में वे योगी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि जिन मार्गों से होकर कांवड़िए जाते हैं, वहां कई जगहों पर मुस्लिम भाइयों ने भी अपने ढाबे खोल रखे हैं। हमें इन ढाबों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। बड़ी बात यह है कि हमारे देवी-देवताओं के नाम पर यह ढाबे चलाए जा रहे हैं। इन पर शुद्ध वैष्णव ढाबा का बोर्ड लगा होता है मगर अंदर सच्चाई कुछ और ही होती है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह मारीच ने माया का मृग बनकर सीता को मोहने का काम किया, उसी तरह नाम बदलकर ढाबा चलाने वाले भी मारीच हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि हिंदुओं की कावड़ यात्रा सही तरीके से पूरी न हो सके। इसलिए हम इसका सख्त विरोध करते हैं।
हज यात्रा की तरह कावड़ यात्रा के भी नियम
उन्होंने कहा कि श्रावण माह के दौरान कांवड़ लाना हिंदुओं की आध्यात्मिक यात्रा है। ठीक उसी तरह जिस तरह हमारे मुस्लिम भाइयों की हज यात्रा होती है और वे मक्का-मदीना जाते हैं। हज यात्रा के दौरान हमारे मुस्लिम भाई भी कई तरह के नियमों का पालन करते हैं और उन्हें लेकर हमें कोई एतराज नहीं है। जिस तरह मक्का जाने को लेकर कई तरह के नियम बने हुए हैं, ठीक उसी तरह गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाने के भी कई तरह के नियम हैं। इनका हमें पालन करना होता है। कावड़ यात्रा के दौरान शुद्ध भोजन भी ग्रहण करना जरूरी बताया गया है। इसलिए भोजनालयों में नेम प्लेट लगाने पर आपत्ति जताने का कोई मतलब नहीं है।
योगी सरकार को दी जानी चाहिए बधाई
उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसे लोगों का ढाबा बंद नहीं करा रहे हैं मगर नाम तो सही तरीके से लिखा ही जाना चाहिए। नाम की सही जानकारी होने पर जिसका मन करेगा, वह खाएगा और जिसका मन नहीं करेगा, वह ऐसे ढाबों में नहीं खाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार ऐसा महत्वपूर्ण कदम उठाया है और इसके लिए सरकार को बधाई दी जानी चाहिए।
इस कदम को लेकर विवाद पैदा करने की कोई जरूरत ही नहीं है। संविधान में हमें अपने धर्म का पालन करने की इजाजत दी गई है संविधान में यह कहीं नहीं लिखा है कि कोई हमारे धर्म में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करे। इसलिए प्रदेश सरकार के इस कदम की सराहना की जानी चाहिए।