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DGP की रेस में भावेश सिंह सब से आगे, सुलखान  सिंह को नहीं मिलेगा सेवा विस्तार 

Rishi
Published on: 26 Dec 2017 6:48 PM IST
DGP की रेस में भावेश सिंह सब से आगे, सुलखान  सिंह को नहीं मिलेगा सेवा विस्तार 
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लखनऊ : यूपी पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह के रिटायरमेंट के बाद डीजीपी की रेस में भावेश कुमार सिंह, गोपाल गुप्ता, हितेश चन्द्र अवस्थी, रजनीकान्त मिश्रा और ओपी सिंह शामिल हैं। डीजीपी के दौड़ में शामिल रजनीकान्त मिश्रा और ओपी सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अहम पदों पर तैनात हैं। जबकि भावेश कुमार सिंह सरकार के मुखिया की पहली पसन्द माने जा रहे हैं। सरकार लोकसभा चुनाव 2019 को मद्देनज़र रखते हुए नया डीजीपी बनाने जा रही है। इस से पहले योगी सरकार ने डीजीपी सुलखान सिंह को तीन महीने का सेवा विस्तार दिए जाने से साफ मना कर दिया है।

यूपी पुलिस मुखिया की रेस में भावेश सिंह सब से आगे

भावेश कुमार सिंह यूपी पुलिस के मुखिया की रेस में सब से आगे हैं। मूलतः बिहार के रहने वाले 1987 बैच के भावेश कुमार सिंह सरकार के मुखिया के सब से अधिक विश्वास पात्र आईपीएस अफसर माने जाते हैं। आईजी जोन गोरखपुर और मेरठ समेत कई महत्वपूर्ण पदों रहे भावेश सिंह डीजी इंटेलीजेंस हैं। इन का कार्यकाल जनवरी 2020 तक है जो सरकार की मंशा के हिसाब से भी फिट हैं। भावेश सिंह के अलावा इस रेस में 1983 बैच के गोपाल गुप्ता डीजी ट्रेनिंग इनका कार्यकाल जून 2019 तक है, 1985 बैच के डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी तीसरे नंबर पर हैं। हितेश अवस्थी का कार्यकाल जून 2021 तक है।

दरअसल सरकार यूपी पुलिस का मुखिया ऐसे अफसर को बनाना चाहती है। जिस का कार्यकाल कम से कम दो वर्ष का हो। इसी बीच लोक सभा चुनाव 2019 भी हैं।सरकार के इन्ही मापदण्डों पर यह दोनों अफसर खरे उतर रहे हैं। सीनियारिटी के लिहाज से हितेश चंद्र अवस्थी तो सत्ता में पकड़ के हिसाब से भावेश कुमार सिंह भारी पड़ सकते है।

डीजीपी की रेस में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात अफसर भी

यूपी पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह के रिटायरमेंट के बाद नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई है। डीजीपी की रेस में सब से सीनियर प्रवीण सिंह से लेकर भी शामिल हैं। सरकार ने लोक सभा चुनाव 2019 को ध्यान में रखते हुए नए डीजीपी को पोस्ट करने का निर्णय लिया है। जिस की वजह से डीजीपी की रेस से यूपी के सब से सीनियर आईपीएस प्रवीण सिंह और सूर्य कुमार शुक्ला इस रेस से बाहर हो गए हैं। पुलिस मुखिया की रेस में 1984 बैच के डीजी एसएसबी रजनीकान्त मिश्रा और डीजी सीआईएसएफ ओम प्रकाश सिंह भी शामिल हैं।

पुलिस यूनिवर्सिटी के वीसी होंगे डीजीपी सुलखान सिंह

यूपी पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 अप्रैल 2017 को 1981 बैच के सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया था। जो सितम्बर में कार्यकाल पूरा कर रिटायर हो रहे थे। लेकिन केंद्र सरकार ने सुलखान सिंह को तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया। अब एक बार फिर सत्ता के गलियारों में उन्हें सेवा विस्तार दिए जाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। लेकिन आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच शीतयुद्ध के चलते सरकार कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है। ऐसे में डीजीपी को साफ-साफ सेवा विस्तार देने से मना कर दिया गया है।

दरअसल आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई की सब से बड़ी वजह सुलखान सिंह की एकला चलो नीति ही मानी जा रही है। रिटायरमेंट के बाद सुलखान सिंह को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दिए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। प्रस्तावित पुलिस यूनिवर्सिटी के वीसी के तौर पर सुलखान सिंह अपनी नई पारी का आगाज करेंगे।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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