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पूर्व सांसद की रिहाई बनी बहस का विषय, क्या है पूरी कहानी

सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ के अधीक्षक ने कहा कि जमानत खारिज कराकर धनन्जय सिंह जेल में दाखिल हुए थे उसी केस में पुनः जमानत मिली है।

Shashi kant gautam
Published on: 1 April 2021 10:06 PM IST (Updated on: 2 April 2021 5:00 PM IST)
Dhananjay Singh
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Dhananjay Singh :(Photo: Social Media)

जौनपुर: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनन्जय सिंह की फतेहगढ़ से रिहायी के बाद एक बार फिर से लखनऊ में पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्या कांड को लेकर पूर्व सांसद को अभिव्यक्त बनाये जाने और पुलिसिया इनाम आदि मुद्दों के लेकर बहस शुरू हो गयी है। सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ के अधीक्षक से बात करने पर उन्होंने साफ कहा कि जिस केस में जमानत खारिज कराकर धनन्जय सिंह जेल में दाखिल हुए थे उसी केस में पुनः जमानत मिली और कोर्ट का परवाना आया तो जेल से रिहायी कर दिया गया है।

अजीत सिंह हत्या कांड

अब यहाँ सवाल इस बात का है कि विगत माह 06 जनवरी 21 को लखनऊ में जनपद मऊ के निवासी पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कांड में पुलिस ने चिकित्सक और शूटर के बयान पर पूर्व सांसद को अभियुक्त बनाया और गिरफ्तारी के लिये इनाम भी घोषित कर दिया।

पुलिस ने अब तक वारंट का दाखिल नहीं किया

पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण धनन्जय सिंह ने जौनपुर के थाना खुटहन के एक मुकदमे की जमानत को खारिज कराकर जेल चले गये। धनन्जय सिंह को जेल जाने के बाद लखनऊ कांड की विवेचना कर रही पुलिस ने अब तक वारंट का दाखिला क्यों नहीं कराया यह एक गम्भीर विषय है। हालांकि पुलिस कमिश्नर लखनऊ इसे पुलिस की लापरवाही मान रहे हैं। आखिर जब पुलिस की लापरवाही है तो पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही क्या किया गया है।

पुलिस की मनगढ़ंत कहानी

खबर यह है कि फतेहगढ़ जेल में परवाना पहुंचने और जमानत कराने तक का मामला इतना गोपनीय रहा है कि पुलिस को पूरी कारगुजारी की खबर तक नहीं लग सकी है और पुलिस है कि रोज अपने सक्रियता का दावा करती फिरती है। साथ ही यहाँ एक सवाल और क्या अजीत हत्या कान्ड को लेकर धनन्जय सिंह के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं था केवल मनगढ़ंत कहानी रच रही थी अथवा जान बूझ कर रिहायी में मददगार रही है यह जांच का विषय है।

रिपोर्ट: कपिल देव मौर्य, जौनपुर



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