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तो क्या योगी 'राज' में वुमन पावर लाइन 1090 और डायल 100 पर पड़ जाएगा ताला, शायद हाँ !

Rishi
Published on: 22 March 2017 8:47 PM IST
तो क्या योगी राज में वुमन पावर लाइन 1090 और डायल 100 पर पड़ जाएगा ताला, शायद हाँ !
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लखनऊ : पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे में महिलाओं की सुरक्षा के लिए वुमन पावर लाइन 1090 जैसी महत्वाकांक्षी योजना का सफल संचालन किया। इसके साथ ही उन्होंने डायल 100 के ज़रिये पुलिस को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया। लेकिन बदले निजाम में अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट यूपी 100 और 1090 पर ताला पड़ता नज़र आ रहा है।

न्यूज़ ट्रैक को मिली तस्वीरें इसी तरह इशारा कर रही हैं। लखनऊ में पुलिस की गाड़ियों से यूपी 100 और वीमेन पावर लाइन 1090 को मिटाया जा रहा है। इस पूरे मामले पर शासन या फिर पुलिस का कोई भी अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। 1090 ने अब तक क़रीब 6 लाख 50 हज़ार छात्राओं / महिलाओं की मदद की जो फोन कॉल या फिर सोशल मीडिया से परेशान थे।

यूपी 100 और वीमेन पावर लाइन 1090 सेवा बंद किये जाने की तैयारी है। न्यूज़ ट्रैक के हाथ लगी तस्वीरे इस बात की पुष्टि कर रही हैं। लखनऊ में पुलिस की स्कार्पियो पर लिखा यूपी100 और महिला सहायता के लिए बनी 1090 मिटाया जा रहा है। पुलिस के जवान ब्लेड के सहारे यूपी100 और महिला सहायता 1090 मिटा रहे हैं।

कैसे करती है काम वीमेन पावर लाइन 1090

एक राज्य,एक नंबर 1090

कोई भी पीड़ित महिला या उसकी महिला रिश्तेदार अपनी शिकायत इस नंबर पर नि:शुल्क दर्ज करवा सकती है।

शिकायत करने वाली महिला की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

पीड़िता को किसी भी हालत में पुलिस थाने या किसी आफिस में नहीं बुलाया जाएगा।

हेल्पलाइन में हर हाल में महिला पुलिस अधिकारी ही पीड़िता की शिकायत दर्ज करेगी।

महिला पुलिस कर्मी अपने वरिष्ठ पुरूष पुलिस कर्मियों को पीड़ित की केवल उतनी ही जानकारी या सूचना उपलब्ध करवाएगी, जो विवेचना में सहायक हो सके। कॉल सेंटर दर्ज शिकायत पर तब तक काम करता रहेगा जब तक उस पर पूरी कार्रवाई नहीं हो जाती।

डायल 100 का मकसद

तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव की मंशा के मुताबिक, शासन द्वारा 100 नंबर डायल सिस्टम को और अधिक व्यापक रूप से लागू किये जाने की योजना बनाई गई। इसके लिए राजधानी लखनऊ में एक केन्द्रीयकृत प्रणाली का विकास किया गया। जिसमें कॉलसेंटर की तरह काम होता है। तक़रीबन 300 सीटो वाले इस कॉलसेंटर को मिलने वाली सभी कॉल्स रिकॉर्ड होती है, यह वायरलेस, मोबाइल व इंटरनेट जुड़ा है।

मिली जानकारी के बाद संबंधित जिलों के थानों व चौकियो के अलावा अन्य अधिकारियो को भी इसकी जानकारी दी जाती है। ताकि कम समय में पीड़ित तक पंहुचा जा सके। यह प्रणाली समस्या के समाधान होने तक पुलिस कार्यवाही की लगातार समीक्षा भी करती है। इसके अधीन जिलो में जीपीएस युक्त लगभग 3200 चारपहिया एवं 1600 दोपहिया गाड़िया हैं, जिनको घटनास्थल पर कार्यवाही हेतु भेजा जाता है।

अगली स्लाइड्स में देखिए स्टीकर हटाते हुए तस्वीरें

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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