×

शौर्य दिवस को लेकर विहिप और साधु संतो में मतभेद

अयोध्या में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आगामी 6 दिसंबर को होने वाले शौर्य दिवस को लेकर विश्व हिन्दू परिषद और रामजन्मभूमि न्यास मतभेद सामने आ रहे हैं।

Roshni Khan
Published on: 30 Nov 2019 9:37 AM GMT
शौर्य दिवस को लेकर विहिप और साधु संतो में मतभेद
X

लखनऊ: अयोध्या में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आगामी 6 दिसंबर को होने वाले शौर्य दिवस को लेकर विश्व हिन्दू परिषद और रामजन्मभूमि न्यास मतभेद सामने आ रहे हैं। जहां रामजन्मभूमि न्यास का कहना है कि जब अयोध्या में मंदिर निर्माण का फैसला सुप्रीमकोर्ट कर चुका है तो फिर शौर्य दिवस मनाने की क्या जरूरत है। वहीं विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि राम जन्मभूमि पर निर्णय हर्ष का विषय है किंतु इसके कारण शौर्य दिवस के कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं होगा।

ये भी देखें:साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा संसद में दिए गए गोडसे के ऊपर बयान के खिलाफ प्रदर्शन करते कांग्रेसी समर्थक

नृत्य गोपाल दास महाराज ने कहा ये

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिराम दास जी छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने कहा 9 नवंबर को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। ऐसे मे 6 दिसम्बर को ''खुशी और गम'' जैसे कार्यक्रम का कोई औचित्य नही रह जाता है। आदालत का सम्मान करते हुए अब सीधे श्रीराम भक्त मंदिर निर्माण करेंगे। सम्पूर्ण राष्ट्र इस पवित्र और स्मरणीय पल की प्रतिक्षा कर रहा है।

न्यास अध्यक्ष ने यह अपील विभिन्न संगठनों द्वारा प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के मद्देनजर की है। उन्हो ने कहा अयोध्या शान्त है और अब सम्पूर्ण देश मे शान्ति होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान जिस प्रकार सभी देश वासियों ने एक साथ मिलकर सम्पूर्ण विश्व को शान्ति और आपसी समन्वय का संदेश दिया ठीक उसी प्रकार आने वाले 6 दिसंबर को भी हम किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन कर तनाव का माहौल नही बनने दे।

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर सुनाया

उन्होंने कहा देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को सत्य पर अपनी मोहर लगाकर ''ठाकुर जी'' को कपड़े के अस्थाई मंदिर से मुक्त कर भव्य मंदिर मे विराजमान करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। श्रीदास ने कहा ''सन् पन्द्रह सौ अठ्ठाईस'' की क्रिया मे ''6 दिसंबर की प्रतिक्रिया'' हुई अब दोनो तिथियों की पुनरावृति राष्ट्र और समाजहित में नही होनी चाहिए।

उन्होंने कहा श्रीराम जन्मभूमि न्यास द्वारा संचालित मंदिर निर्माण मे प्रयुक्त शिलाओं की नक्काशी कार्य को शीघ्र गतिशील किया जायेगा। हमारी दृष्टि अभी न्यायालय द्वारा केन्द्र सरकार को दिये गए निर्देशों पर केंद्रित है।

ये भी देखें:एलयू के मालवीय सभागार में चिकित्सा द्वारा दमा प्रबंधन विषयक सेमिनार में वरिष्ठजनों का सम्मान किया गया

उन्होंने कहा अयोध्या के संत धर्माचार्यों में ट्रस्ट संबंधित न्यायालय के निर्देश को लेकर किसी प्रकार का विभाजन नही है, वर्तमान सरकार पर सभी को भरोसा है, संत भगवान श्रीराम लला को भव्य मंदिर में विराजमान कराने हेतु एकजुट हैं। वहीं विहिप उपाध्यक्ष चम्पत राय ने कहा कि आगामी दिसंबर माह में मनाए जाने वाले शौर्य दिवस के कार्यक्रमों में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी हम शौर्य दिवस और गीता जयंती को पूरे हर्षोल्हास, उत्साह और संयम से मनायेंगे। इस सम्बंध में मीडिया में कुछ गलत खबर भी चल रहा है। श्री राम जन्मभूमि पर निर्णय हर्ष का विषय है किंतु इसके कारण शौर्य दिवस के कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं होगा।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story