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LOOK HERE: यूपी के इस पंडाल में दिखा मां दुर्गा का डिजिटल रूप, देखा क्या?
मोदी के 'डिजिटल इंडिया' का असर इस नवरात्रि भी देखने को मिला। देश में दुर्गा पूजा के त्योहार में दूसरा स्थान रखने वाले सुल्तानपुर में इस बार हाईटेक पंडाल बनाएं गए।
सुल्तानपुर: पीएम मोदी के 'डिजिटल इंडिया' का असर इस नवरात्रि देखने को मिला। देश में दुर्गा पूजा के त्योहार में दूसरा स्थान रखने वाले सुल्तानपुर में इस बार हाईटेक पंडाल बनाएं गए। मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर फैजाबाद रोड पर कूड़ेभार कस्बे में एक पंडाल इस तरह सजाया गया जैसे कि माता रानी फेसबुक पर ऑनलाइन हैं। लीग से हटकर सजे इस अनोखे पंडाल को देखने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
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माता की फ्रेंडलिस्ट में ब्रह्मा, विष्णु और महेश
- फेसबुक के प्रोफाइल डिटेल के साथ बने इस पंडाल में माता की फेसबुक आईडी बाल विराट दुर्गा पूजा समिति के नाम से है।
- माता के फ्रैंड लिस्ट में ब्रह्मदेव, विष्णुदेव, महादेव, श्रीकृष्ण, हनुमान जी दिखाई दे रहे हैं।
- उनकी कुल फ्रेंड्स की संख्या 2100 है, वहीँ चैट पर माता के नौ रूप ऑनलाइन दिख रहे है। पंडाल को देखने पर यह एक लैपटॉप जैसा दिख रहा है।
- जिसपर माता रानी की फेसबुक आईडी की प्रोफाइल डिटेल का पेज खुला है। कवर फोटो और प्रोफाइल फोटो के साथ सारी डिटेल दिख रही है।
- माता द्वारा लाइव दिखने के वीडियो की जगह पंडाल का गेट है। जहां से माता रानी की मूर्ति के दर्शन किये जा रहे है।
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अनोखे तरीके से सजाए गए इस पंडाल की कई और खूबियाँ हैं। यह पूरा पंडाल एक नाले को ढककर बनाया गया है। साथ ही पंडाल के सामने नाले को ढककर पहाड़ भी बनाया गया है और भक्तजनों के सेल्फी के लिये तिरंगे के प्रतिरूप में सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है।
ये है मकसद
- नव बाल विराट दुर्गा पूजा पंडाल समिति के अध्यक्ष और हिन्दू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री गौरव मौर्य ने बताया कि इस पंडाल को बनाने का मकसद भक्तजनों को डिजिटल इंडिया के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना और कुछ ऐसा करना था जिससे लोग को कुछ नयापन लगे। इसलिए भक्ति को नवीनीकरण से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
बनाने वाले को लग रहा था डर
पंडाल को सजाने में लगे पवन जायसवाल बताते है कि पंडाल बनाने से पहले मुझे डर लग रहा था कि लोग नयी चीजे पसन्द करेंगे या नही। लेकिन जब पंडाल तैयार हो गया तो लोगों की भीड़ ने यह साबित कर दिया कि लोगों को भी कुछ नया पसन्द है।
पंडाल के ढांचे को बनाने में लगे विनय विश्वकर्मा कहते है कि पंडाल को लैपटॉप का रूप देना और फेसबुक से एकदम मिलता जुलता बनाने में कई दिन की मेहनत लगी। लोगों को यह पंडाल अच्छा लग रहा है। हमारी मेहनत सफल हो गयी है।