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Uttar Pradesh: आजमगढ़ से डिंपल यादव को लोकसभा उपचुनाव लड़ाने की तैयारी, अखिलेश ने दिया इस्तीफा
Uttar Pradesh: अखिलेश यादव के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद अब कयासों का दौर जारी है। अनुमान लगाए जा रहे हैं, कि डिंपल यादव आजमगढ़ सीट से सांसद का उप चुनाव लड़ सकती हैं।
Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं, कि उनकी पत्नी डिंपल यादव आजमगढ़ सीट (Azamgarh seat) से सांसद का उप चुनाव लड़ सकती हैं। डिंपल यादव इससे पहले कन्नौज से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार का सामना करना पड़ा था।
अब आजमगढ़ सीट खाली होने के बाद इस पर होने वाले उपचुनाव में अखिलेश डिंपल को सपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं। आजमगढ़ सपा का गढ़ है। हाल ही में हुए यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जिले की सभी विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी की झोली में आई है। ऐसे में पुराने रिकॉर्ड को देखकर कहा जा सकता है की डिंपल यादव का यहां से चुनाव जीतना लगभग तय है।
मोदी लहर में भी आजमगढ़ में चली थी साइकिल
आपको बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की जो सुनामी चली थी उसमें उत्तर प्रदेश में विपक्ष का पूरी तरह से सफाया हो गया था सिर्फ मुलायम सिंह परिवार ने 5 सीटें जीती थी। जिनमें आजमगढ़ भी शामिल है। साल 2014 में मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ और मैनपुरी से लोकसभा के प्रत्याशी थे। उन्होंने दोनों सीट पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद उन्होंने मैनपुरी से इस्तीफा दे दिया था और आजमगढ़ से सांसद बने थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से अखिलेश यादव ने अपनी किस्मत आजमाई और उन्हें भी जीत हासिल हुई। लेकिन, अब 2022 में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक बनने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ से सांसदी छोड़ दी है। अब, यहां पर होने वाले उपचुनाव को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश अपनी पत्नी को मैदान में उतार सकते हैं।
डिंपल यादव का सियासी सफर
डिंपल यादव पहली बार 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राज बब्बर के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साल 2012 में समाजवादी पार्टी को यूपी में बहुत मिलने के बाद मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया। उस वक्त वो कन्नौज से सांसद थे। जिसके बाद यहां हुए उपचुनाव में डिंपल यादव को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया। जीतकर वो सांसद बनीं। उस समय कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र की वह एकमात्र निर्विरोध महिला होने के कारण उन्हें उपचुनाव में जीत प्राप्त हुई।