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Lucknow: पखावज बजाते दिनेश प्रसाद मिश्र का हार्ट अटैक से निधन, सनतकदा फेस्टिवल में कर रहे थे परफॉर्म
Sanatkada Lucknow Festival: अवध की तहजीब की झलक प्रदर्शित करने वाले सनतकदा फेस्टिवल में लोग तब स्तब्ध रह गए जब पखावज कलाकार दिनेश प्रसाद मिश्र का हार्ट अटैक से निधन हो गया।
Dinesh Prasad Mishra passed away: यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित सनतकदा फेस्टिवल (Sanatkada Lucknow Festival) में सोमवार (6 फरवरी) को उस वक़्त लोग स्तब्ध रह गए जब एक कार्यक्रम के दौरान वाद्य यंत्र बजाते हुए दिनेश प्रसाद मिश्र को हार्ट अटैक आया। हृदयाघात से दिनेश प्रसाद मिश्र का निधन हो गया। दिनेश प्रसाद की गिनती पखावज बजाने वाले मशहूर चुनिंदा कलाकारों में होती रही है।
पहले-पहल तो लोगों को यकीन नहीं हुआ। क्योंकि, जिस शख्स को कुछ पल पहले तक वो ताल वाद्य प्रोग्राम में पखावज बजाते देख-सुन रहे थे। अब वो हमारे बीच नहीं रहे। दिनेश प्रसाद मिश्र के निधन पर संगीत कला जगत के लोगों में मायूसी छाई है। उनके निधन को प्रदेश की कला-संस्कृति क्षेत्र के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
पखावज बजाते वक्त आया हार्ट अटैक
पखावज वादक दिनेश प्रसाद मिश्र सोमवार को सनतकदा फेस्टिवल में 'ताल वाद्य प्रोग्राम' के तहत पखावज बजा रहे थे। इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया। जिससे उनका असामयिक निधन हो गया। उनके निधन की खबर से संगीत क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी। कार्यक्रम के दौरान सबकुछ इतना अचानक हुआ कि कोई कुछ समझ भी नहीं पाया। जब तक दिनेश प्रसाद मिश्र को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई, उनका देहांत हो चुका था। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को कुछ वक़्त के लिए तो यकीन ही नहीं हुआ।
संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित
दिनेश प्रसाद मिश्र मथुरा घराना के पखावज वादकों में से एक थे। उन्होंने 1989 से 2014 तक संगीत नाटक अकादमी (Sangeet Natak Akademi) में संगीत की शिक्षा दी थी। यहीं उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड (SNA अवॉर्ड, 2005) से सम्मानित किया गया। वे दूरदर्शन और रेडियो के प्रतिष्ठित कलाकार रहे। उनके खुशमिजाज व्यक्तित्व को उनके चाहने वाले हमेशा याद रखेंगे। प्रदेश के कई कलाकारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
आपको बता दें, इन दिनों अवध की गंगा-जमुना तहजीब की झलक पेश करता सनतकदा फेस्टिवल का आयोजन राजधानी लखनऊ में किया गया है। जहां अवध की तहज़ीब, पकवान, कारीगरी और कला-संस्कृति का प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। इसी में मशहूर पखावज वादक दिनेश प्रसाद मिश्र की भी प्रस्तुति थी। लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत काफी प्राचीन है। यही कारण है कि सनतकदा फेस्टिवल जैसे आयोजन होते रहते हैं। सनतकदा लखनऊ फेस्टिवल तहजीब और संस्कृति के ओत-प्रोत कार्यक्रम होता है।