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Sonbhadra News: चुनौतियों से निबटने के लिए बनाए रखें संतुलन, विश्वसनीयता के साथ लिखी जाए खबरें

Sonbhadra News: हिंदी पत्रकारिता दिवस पर ओबरा में 'समकालीन पत्रकारिता में चुनौतियां' विषय पर आयोजित संगोष्ठी मैं पत्रकारिता की चुनौतियां और खबरों की की विश्वसनीयता पर चर्चा की गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 31 May 2022 7:18 PM IST
Churning on the challenges of journalism happened in Sonbhadra News should be written with credibility
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सोनभद्र: हुआ पत्रकारिता की चुनौतियों पर मंथन

Sonbhadra News: भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (National Journalists Federation of India) की तरफ से हिंदी पत्रकारिता दिवस (Hindi Journalism Day) पर ओबरा में 'समकालीन पत्रकारिता में चुनौतियां' विषय पर आयोजित संगोष्ठी मैं पत्रकारिता की चुनौतियां और खबरों की की विश्वसनीयता पर चर्चा की गई।

वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान दौर में प्रिंट मीडिया (print media) के साथ सोशल मीडिया पत्रकारिता (social media journalism) का एक बड़ा हथियार बन कर उभरा है। वहीं, तेजी से पत्रकारिता के बढ़ते प्लेटफार्म के बीच खबरों की विश्वसनीयता एक बड़ी संकट बनकर खड़ी हुई है। निष्पक्ष और खोजी पत्रकारिता पर भी ढेरों सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि खबरें विश्वसनीयता के साथ तो लिखी ही जाएं, उसमें सभी पक्षों की बातों का समावेश यानी संतुलन भी दिखे, इसका ध्यान रखा जाए।

पत्रकारों को सनसनीखेज खबरें लिखने से बचना चाहिए- रमेश कुमार

मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी ओबरा रमेश कुमार ने कहा कि पत्रकारों को सनसनीखेज खबरें लिखने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे समाज में भ्रांतियां फैलती है और जनहानि के साथ पत्रकारों की विश्वसनीयता घटती है। पत्रकारों को समक्ष आने वाली समस्याओं-चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने चुनौतियों पर आधारित एक स्वरचित कविता भी पढ़ी।

विशिष्ट अतिथि पुलिस क्षेत्राधिकारी ओबरा शंकर प्रसाद ने कहा कि पत्रकार दिन और रात बगैर किसी स्वार्थ के समाज मे चेतना लाने के लिए खबरें लिखता रहता है।.घटनाओं के पीछे भागता रहता है। कई बार ऐसा होता है कुछ की खबरें प्रकाशित नहीं होती। बावजूद वह निराश नही होता। इससे लोगों को एक सीख लेनी चाहिए। काफी पत्रकारों की लेखनी हमेशा समाज में कुरीतियों-बुराइयों के प्रति अलख जगाती रही है। वह आश्वस्त करते हैं कि सही दशा में कलम चलाने वाले किसी पत्रकार का कभी उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।


सोशल मीडिया के दौर में भी प्रिंट मीडिया का एक अलग महत्व

वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार नरेंद्र नीरव ने प्रेरणा भरी कविता सुनाई। कहा कि सोशल के दौर में भी प्रिंट मीडिया का एक अलग महत्व बना हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार सुनील तिवारी और राहुल श्रीवास्तव ने वर्तमान परिवेश में पत्रकारों को खबरों में संतुलन बनाए रखना चाहिए। खबरों में जो तथ्य दिए जाएं वह विश्वसनीय हों। सभी पक्षों की बातों का समावेश हो, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारम्भ आगन्तुक अतिथि, विशिष्ठ अथिति व कार्यक्रम अध्यक्ष द्वारा माँ सरस्वती जी के फोटो चित्र पर संयुक्त रुप से माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम संयोजक सतीश भाटिया ने भी पत्रकारिता की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए खबरों की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बनाए रखने पर जोर दिया।

पत्रकारों का सम्मान किया गया

अध्यक्षता कर रही अध्यक्ष नगर पंचायत प्रानमती देवी ने कार्यक्रम में आए सभी पत्रकारों का सम्मान किया। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती के फोटो चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम संयोजक सतीश भाटिया और भोला दूबे अथितियों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

जिलाध्यक्ष महेश कुमार पांडेय ने सभी का आभार जताया। संचालन कमाल अहमद ने किया। केएन सिंह, सुधाकर मिश्र, मनोमहन शुक्ला, सुरेंद्र सिंह, एबी सिंह, पीडी राय, हरिओम विश्वकर्मा, सुनील सिंह, डॉ. एके गुप्ता, कौशल राय, राकेश अग्रहरि, नीरज भाटिया, रंगेश सिंह, शमशाद आलम, प्रवीण विश्वकर्मा, उत्तम सिंह, कृपा शंकर पांडेय, आभिषेक पांडेय, अरविंद कुशवाहा, पार्वती पांडेय, दिनेश उपाध्याय, मनोज चौबे, नीरज पाठक, राजवंश चौबे, जगदीश तिवारी, मो. आरिफ, महेश अग्रहरि आदि की मौजूदगी बनी रही।



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Shashi kant gautam

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