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Lucknow News: समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए 'तेजस्वी भव अभियान' के तहत परिचर्चा

Lucknow News: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि बच्चों को नशे की ओर मोड़ने के लिए काफी हद तक उनके अभिभावक जिम्मेदार हैं।

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Published on: 14 Feb 2023 4:40 PM GMT
Discussion under Tejaswi Bhava Abhiyan to make the society drug free in Lucknow
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लखनऊ: समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए 'तेजस्वी भव अभियान' के तहत परिचर्चा

Lucknow News: बच्चों को नशे की ओर मोड़ने के लिए काफी हद तक उनके अभिभावक जिम्मेदार हैं। फास्टफूड के नशे से शुरू हुई उनकी लत उन्हें अन्य नशों के दरवाजे तक ले जा रही है। दूसरा सबसे बड़ा कारण अभिभावकों को अपने बच्चों को समय न देना है। उक्त बातें डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने मंगलवार को विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग, यूनाइट फाउण्डेशन और अभ्युदय भारत ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में समाज एवं बच्चों को नशा मुक्त बनाने के लिए तेजस्वी भव अभियान के तहत परिचर्चा का आयोजन किया गया है, जिसका ऐप के माध्यम से लाइव प्रसारण सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो.रज्जू भैया सूचना केंद्र से किया गया।

अकेलापन दूर करने के लिए नशे की लत का शिकार होते हैं बच्चे

विशिष्ट अतिथि प्लास्टिक सर्जन एवं मेंटोर- स्माइल ट्रेन डॉ. वैभव खन्ना ने कहा कि नशा समाज के लिए एक अभिशाप है, जो हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है। जिस देश का युवा नशे की लत में होता है , वह देश विकास नहीं कर पाता है। इसके लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को जागरूक होना पड़ेगा और अपने बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकल परिवार के बच्चे अपना अकेलापन दूर करने के लिए नशे की लत का शिकार हो जाता है। वर्तमान समय में बच्चों में बॉडी बनाने का अलग प्रकार का जूनून सवार है, इसके लिए कई ड्रग्स का सेवन करने लगते हैं, धीरे धीरे वह इसके आदी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अपने बच्चे की तुलना दूसरे से नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें नई-नई चीजों की जानकारी देना चाहिए, ताकि उनकी समझ को विकसित किया जा सके।

विशिष्ट अतिथि माध्यमिक शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक सांत्वना तिवारी ने कहा कि समाज को नशामुक्त बनाना हम सबका दायित्व है। बच्चों को परिवार, स्कूल और समाज के द्वारा ही संस्कार मिलते हैं, यदि परिवार के लोगों के द्वारा उचित संस्कार नहीं दिया गया तो बच्चा गलत संगत में पड़कर नशे की तरफ अपना रुख कर लेता है। आज कल एकल परिवार बहुत बढ़ रहे हैं, उनमें बच्चों की देखभाल नहीं हो पाती है और वह अकेलापन अनुभव करता है, जिससे वह नशे के आदी हो रहे हैं।

बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए

उन्होंने कहा कि स्कूल में शिक्षकों का छात्रों से संवाद होना बहुत जरूरी है, ताकि बच्चे अपनी प्रत्येक बात कह सके, शिक्षकों को खुलकर बच्चों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को कक्षा 9 से ही काउंसिलिंग करनी चाहिए, जिससे उनकी रूचि के अनुसार उनको करियर चुनने का मौका मिल सके। माता पिता को अपनी इच्छा बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए, ताकि अपना भविष्य तय कर सके।

कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे के दल-दल से बचाने के लिए समाज व परिवार को चिंतन करना होगा। हमें छह से 12 वर्ष के बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वयं नशे के आदी नहीं बनते हैं, बल्कि वह गलत संगत में पड़ कर आदी हो जाते हैं। आज का युवा कई प्रकार के व्यसन में लिप्त है, इससे निपटने के लिए समाज व परिवार को मुख्य भूमिका निभानी होगी। वर्तमान समय में एक साजिश के तहत अलग प्रकार की नशे की लत लगाई जा रही है। फास्टफूड के अंदर एक अलग प्रकार का केमिकल होता है, जो बच्चों के अंदर उसकी लत लगाने का आदी बनाता है। देश में इस समय 42 प्रतिशत लोग नशे की लत में है, हर वर्ष लाखों लोग नशे के कारण अपनी जान गवां रहे हैं।

फिल्म, वेबसीरीज व ओटीटी की नशे को बढ़ाने में विशेष भूमिका

उन्होंने कहा कि हम अपनी संस्कृति से जितनी दूर जाएंगे, उतना ही नशे की तरफ आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि आज की फिल्म, वेबसीरीज व ओटीटी नशे को बढ़ाने में विशेष भूमिका निभा रहा है, अगर समय रहते इस पर रोक न लगी तो आने वाले समय में नशे का सेवन बहुत तेजी से बढ़ जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। उन्होंने कहा कि आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को अपराध एवं अपराधी मुक्त प्रदेश बनाने के लक्ष्य के अनुरूप विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग ने अपने विद्यालयों में पढ़ रहे भैया-बहनों को अपराध के मनोविज्ञान, अपराधियों की कार्यशैली एवं अपराध के उपरान्त अपराधी एवं उनके निकटजनों के जीवन में आने वाले अंतहीन संकटों एवं कष्टों के प्रति जागरूक करने का अभियान तेजस्वी भव चलाया जा रहा है, जो पूरे वर्ष निरंतर संचालित किया जाएगा। इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे हैं।

Shashi kant gautam

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