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Meerut: कहने को दारोगा लेकिन, ठाट तो देखो, अब हुआ दर्ज आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा
Meerut Crime News: दारोगा धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ मेरठ के मेडिकल थाने में धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो गया है।
दारोगा धर्मेंद्र सिंह (फोटो- न्यूजट्रैक)
Meerut News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में तैनात दारोगा धर्मेंद्र सिंह (Inspector Dharmendra Singh) के खिलाफ एंटी करप्शन (Anti Corruption) को आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के साक्ष्य मिलने के बाद मेरठ के मेडिकल थाने में धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार (Corruption) का मामला दर्ज हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक मेरठ के पूर्व थानाध्यक्ष हस्तिनापुर धर्मेंद्र सिंह ने अपने नौ वर्ष के कार्यकाल में मेरठ में फ्लैट समेत कई जगह संपत्ति खड़ी कर दी। एंटी करप्शन की जांच में आरोप सही पाए जाने पर एफआईआर दर्ज की गई है। नगर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर ने इसकी पुष्टि करते हुए आज बताया कि एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर की तरफ से दी गई तहरीर पर दारोगा धर्मेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर लिया है। उन पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा था।
पिता की मृत्यु के बाद मिली थी नौकरी
दारोगा धर्मेंद्र सिंह हाल में मेडिकल के शास्त्रीनगर में परिवार के साथ रहते है। एंटी करप्शन में तैनात निरीक्षक अशोक शर्मा ने बताया कि दरोगा धर्मेद्र मूलरूप से आगरा के सिकंदरा थानाक्षेत्र के भोपालकुंज का निवासी है। 2011 में पिता की मृत्यु के बाद आश्रित में धर्मेंद्र को नौकरी मिली थी। धर्मेंद्र सिंह ने मेरठ के हस्तिनापुर में तैनाती के समय आलीशान फार्म हाउस बनाया था। यह फार्म हाउस घने जंगल के बीच सभी सुविधाओं से लैस था।हस्तिनापुर में थाना अध्यक्ष रहते हुए आलीशान फार्म हाउस बनाया था, जिसकी 29 सितंबर 2020 को पोल खुल गई थी।
धर्मेंद्र के शास्त्रीनगर स्थित फ्लैट में बिजली चोरी भी पकड़ी गई थी। इसमें उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। हालांकि बिजली के बिलों का भुगतान करने के बाद उस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। तभी धर्मेंद्र सिंह की जांच एंटी करप्शन को दे दी गई थी। इसके बाद धर्मेंद्र के कई अन्य कारनामे उजागर हुए।धर्मेंद्र सिंह फिलहाल लखनऊ में तैनात बताए जाते हैं।
अलीगढ़ में भी लगा था भ्रष्टाचार का आरोप
दरअसल, धर्मेंद्र सिंह पर अलीगढ़ में रहते हुए भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। वहां भी धर्मेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। एंटी करप्शन की जांच में धर्मेंद्र के खिलाफ एक के बाद एक सबूत मिलते गए और पुलिस कार्रवाई करती रही। एंटी करप्शन के डीआइजी राजीव मलहोत्रा का कहना है कि धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे, जो एंटी करप्शन की जांच में सही पाए गए हैं। जिसके बाद एंटी करप्शन की तरफ से धर्मेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद मेडिकल थाने में एंटी करप्शन के निरीक्षक अशोक कुमार की तरफ से दारोगा धर्मेंद्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है।
मुकदमा बेशक मेडिकल थाने में दर्ज हो गया है, लेकिन इसकी जांच एंटी करप्शन करेगा। डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा का कहना है कि भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच एंटी करप्शन ही करता है।
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