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मेनका के सुल्तानपुर के डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल में नहीं मिलते स्टेचर, मरीजों का हाल-बेहाल

इस बात को स्वयं भाजपा की जिला मंत्री ने अपनी आंखों से देखा तो स्टाफ को लताड़ लगाते हुए सीएमएस से बात की। और सीएमएस ये कहकर अपना पल्ला झाड़ गए के डाक्टर हमारी सुनते ही नही। गुरुवार रात कई घंटों तक बेपटरी रही इमरजेंसी में क्या कुछ हुआ अब हम आपको बताते हैं। वैसे आपको बता दें इस समय वरुण की माँ वहां से सांसद हैं। 

Roshni Khan
Published on: 5 July 2019 4:36 AM GMT
मेनका के सुल्तानपुर के डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल में नहीं मिलते स्टेचर, मरीजों का हाल-बेहाल
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सुल्तानपुर: डेढ़ साल पहले तत्कालीन सांसद वरुण गांधी द्वारा करोड़ों की लागत से निर्मित इमरजेंसी स्वयं बीमार है। यहां आने वाले मरीज को स्ट्रेचर नसीब नही हो रहा, अटेंडेंट पेशेंट को गोद में लेकर ट्रीटमेंट कराने पहुंच रहे।

इस बात को स्वयं भाजपा की जिला मंत्री ने अपनी आंखों से देखा तो स्टाफ को लताड़ लगाते हुए सीएमएस से बात की। और सीएमएस ये कहकर अपना पल्ला झाड़ गए के डाक्टर हमारी सुनते ही नही। गुरुवार रात कई घंटों तक बेपटरी रही इमरजेंसी में क्या कुछ हुआ अब हम आपको बताते हैं। वैसे आपको बता दें इस समय वरुण की माँ वहां से सांसद हैं।

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केस नंबर एक...

यहां कोतवाली नगर के निराला नगर के निवासी कृष्ण कुमार सिंह का पुत्र मनमोहन सिंह 14 बुखार से ग्रस्त था। परिजन के अनुसार उन्होंने दिन में डेढ़ बजे उसे इमरजेंसी में एडमिट कराया था। एक बोतल ड्रिप के बाद शाम तक कोई इलाज ही नही हुआ। रात साढ़े सात बजे डाक्टर धीरेंद्र ने देखकर पर्चा लिखा तो इमरजेंसी में स्टाफ के अभाव में ट्रीटमेंट शुरू नही हुआ।

इस पर कृष्ण कुमार ने बीजेपी की जिला मंत्री पूजा कसौधन को फोन कर स्थित से अवगत कराया। जिस पर वो यहां पहुंची। पूजा कसौधन ने आकर यहां देखा तो एक डाक्टर एक फार्मेसिस्ट और एक वार्ड ब्वाय के भरोसे जिले की इमरजेंसी चल रही थी। इस पर उन्होंने मैटर्न को फटकार लगाई और सीएमएस से बात भी की।

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केस नंबर दो...

अभी अव्यवस्था और फटकार का दौर खत्म भी नही हुआ था कि अमेठी जिले के मुंशीगंज स्थित माल का पुरवा गांव निवासी ननकू पाल 75 को उनके परिजन गोद में उठाए हुए इमरजेंसी में इंट्री किए। इस बुज़ुर्ग को सांस की गंभीर बीमारी थी, पता करने पर परिजन ने बताया कि इमरजेंसी में स्ट्रेचर मांगने पर मिला ही नही। करीब आधे घंटे से अधिक बुज़ुर्ग बग़ैर किसी इलाज के केबिन में लेटा रहा।

केस नंबर तीन...

इसके बाद बीजेपी के जिला मंत्री डाक्टर की कुर्सी के ठीक पीछे बने इमरजेंसी वार्ड में पहुंची। यहां अन्तिमा 22 जो की कोतवाली नगर के केएनआई के पास रहती है वो बेड पर लेटी थी। साथ में आई रिचा ने बताया के गुरुवार सुबह अन्तिमा का एक्सीडेंट हुआ था। साढ़े दस बजे से उसको ट्रीटमेंट के नाम पर केवल एक ड्रिप चलाई गई थी। रात ग्यारह बजे बीजेपी नेता की फटकार के बाद पुनः उसका उपचार शुरू हुआ।

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इस पूरे मामले पर सीएमएस डा.बीबी सिंह ने पूरी तरह अपना पल्ला झाड़ा। फोन पर वार्ता में सीएमएस ने कहा के डाक्टर हमारी सुनते ही नही। हम मीटिंग करें यहां हास्पिटल की व्यवस्था देखें, आप लोग मेरा सहयोग करें।

आपको बता दें कि शहर स्थित दरियापुर मोहल्ले में गीता नर्सिंग होम संचालित है, यहीं सीएमएस साहब का निवास भी होता है। अब स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है की सीएमएस साहब हास्पिटल के वफादार होंगे या नर्सिंग होम के।

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वही भाजपा जिला मंत्री पूजा कसौधन से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सांसद, विधायक ने सब कुछ करके सुल्तानपुर को इतनी अच्छी व्यवस्था दिया है। लेकिन यहां स्टाफ का बुरा हाल है मुझे लगता है हम लोगों को सुबह शाम खुद ड्यूटी लगानी पड़ेगी। इन लोगों की आदत सपा बसपा के राज से बिगड़ी हुई है उसको सुधारने में बहुत टाइम लगेगा।

Roshni Khan

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