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दिव्यांग उपकरण घोटाला : पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद को नहीं मिली अग्रिम जमानत
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 30 मार्च 2010 को 71.50 लाख की अनुदान राशि विकलांगजनों को कैम्प के माध्यम से निःशुल्क उपकरण बांटने के लिए मिली थी।
एटा: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के नाम से बनाए ट्रस्ट के माध्यम से वर्ष 2010 में विकलांगों (अब दिव्यांग) को शिविर लगाकर उपकरण बांटने के लिए मिली 71.50 लाख की रकम के बंदरबांट के मामले में गुरुवार को भी पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को एटा के जनपद न्यायालय से अग्रिम जमानत नहीं मिली।
अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-एक ने अलीगंज कोतवाली पुलिस से आख्या मांगने के साथ ही मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 30 मार्च 2010 को 71.50 लाख की अनुदान राशि विकलांगजनों को कैम्प के माध्यम से निःशुल्क उपकरण बांटने के लिए मिली थी।
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6 लाख की राशि एटा जनपद के विकलांगों के लिए थी
इसमें से 6 लाख की राशि एटा जनपद के विकलांगों के लिए थी। ट्रस्ट ने 30 जून 2010 को मंत्रालय को 21 लाभार्थियों की सूची प्रस्तुत करते हुए बताया कि उसने 5 मई 2010 को अलीगंज में कैम्प लगाकर इन उपकरणों का वितरण किया है।
इस रिपोर्ट पर सत्यापनकर्ता के रूप में तहसीलदार अलीगंज के और प्रतिहस्ताक्षरकर्ता के रूप में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर थे।
इसके बाद मंत्रालय द्वारा कराई गयी जांच में शिविर सम्बन्धी विवरण, तहसीलदार व सीएमओ के हस्ताक्षर फर्जी पाये गये। इसके बाद मामले में प्राथमिकी संख्या 499/2017 अंकित कराई गयी।
इस मामले में लुईस व एक अन्य अतहर फारूखी पुत्र मुहम्मद अहमद की ओर से पहले विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए, इलाहाबाद के यहां अग्रिम जमानत की याचिका डाली गयी थी।
इस याचिका पर 16 जुलाई को आदेश करते हुए न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने मामले को सम्बन्धित जनपद के न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने का आदेश दिया।
इसके बाद सोमवार को एटा के जनपद न्यायाधीश के यहां अग्रिम जमानत का यह प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया था। जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल द्वारा न्यायालय के क्षेत्राधिकार सम्बन्धी प्रश्न मामले को 3 अक्टूबर को मामला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 1 के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का आदेश पारित किया था।
इसी के चलते गुरूवार को यह मामला कोर्ट संख्या 1 में प्रस्तुत किया गया। गुरुवार को न्यायालय के समक्ष मामला प्रस्तुत किये जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-एक अशोक कुमार नवम् ने मामले में पुलिस से आख्या तलब किये जाने के आदेश के बाद मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
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