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Chitrakoot News: हनुमान धारा, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया में श्रद्धालुओं ने जलाए दीप

Chitrakoot News: शाम होते ही तपोवन दीपों की रोशनी से इस तरह जगमगाता नजर आया, जैसे आसमान से सितारे जमीं पर उतर आए हों

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 24 Oct 2022 1:10 PM GMT
Diwali 2022 Hanuman Dhara Gupt Godavari Sati Anusuiya Devotees lit lamps
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Diwali 2022 Hanuman Dhara Gupt Godavari Sati Anusuiya Devotees lit lamps 

Diwali 2022: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट की पावन धरा दीवाली में दीपों की रोशनी से जगमगा उठी। शाम होते ही तपोवन दीपों की रोशनी से इस तरह जगमगाता नजर आया, जैसे आसमान से सितारे जमीं पर उतर आए हों। आस्थावानों का समंदर धर्मनगरी में उमड़ उठा। धर्मनगरी के हर रास्ते और गलियों में आस्थावानों की भीड़ नजर आ रही थी। मंदाकिनी तट से लेकर कामदनाथ दरबार, कामदगिरि, सती अनुसुइया आश्रम, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा समेत तीर्थ क्षेत्र के सभी मठ-मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी की छटा बिखेर रही झालरों से जगमगा रहे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर रही कि यूपी-एमपी प्रशासन ने संभालनें में पसीना छोंड दिया।

कोरोनाकाल के बाद इस बार बिना पाबंदियों के दीपदान मेला धर्मनगरी में हो रहा है। लगातार दो वर्ष पाबंदियों की वजह से श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही है। लेकिन इस वर्ष दीपदान मेला में आस्थावानों का सैलाब उमड़ा रहा। लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने मंगल कामना को लेकर आस्था के दीप सोमवार की शाम जलाए। दीपों की जगमगाहट को देख ऐसा लग रहा था कि आसमान से तारे जमीं में उतर आए हों। तीर्थ क्षेत्र के कामदगिरि, हनुमानधारा, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया, लक्ष्मण पहाड़ी, रामशैया, स्फटिकशिला आदि के पर्वतों में भी दीपों की रोशनी अनोखी छटा बिखेर रही थी।

आस्थावान श्रद्धालुओं ने धर्मनगरी में मेला के पहले ही दिन डे़रा डाल दिया था। दीपदान मेला में आए श्रद्धालुओं ने भगवान राम के जयघोष लगाए। पांच दिनों तक चलने वाले इस मेले की तैयारियां प्रशासन ने पहले ही कर ली थीं। मेला क्षेत्र में यूपी व एमपी प्रशासन ने अपनी-अपनी तरफ चाक-चौबंद इंतजाम किए थे। जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने रात दिन भ्रमण कर व्यवस्थाएं संभाली। मेला में भीड़ बढ़ने से उप्र-मप्र प्रशासन को संभालने में मुश्किलों का सामना करना पडा। दोनो राज्यों से किए गए इंतजाम भी कम पड़ गए।

कामदनाथ में एक-दूसरे के सहारे चलते रहे श्रद्धालु

दीपावली में आस्थावानों की भीड़ इस कदर रही कि लोगों को एक-दूसरे के सहारे चलना पड़ा। रामघाट में मंदाकिनी स्नान कर श्रद्धालुओं ने महाराजाधिराज मत्यगयेन्द्र मंदिर में जलाभिषेक किया। इसके बाद कामदनाथ के दर्शन व परिक्रमा लगाने पहंुचे। निर्मोही अखाड़ा तिराहा से लेकर कामदनाथ मंदिर तक सडक श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रही। कामदनाथ प्रमुख द्वार मंदिर में अत्यधिक भीड़ की वजह से श्रद्धालु अपने झोला व बैग सिर में रखकर एक-दूसरे के सहारे धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ रहे थे। भगवान कामदनाथ के जयकारों से मंदिर गुंजायमान रहा। परिक्रमा मार्ग में भी श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ रही।

कम पड़ गए पार्किंग स्थल, सड़कों में खड़े कराए वाहन

यूपी-एमपी प्रशासन ने करीब तीन दर्जन स्थानों पर वाहन पार्किंग स्थल बनाए थे। जिनमें लगभग 10 हजार से अधिक वाहनों को खड़ा कराने की क्षमता का अनुमान लगाया गया था। लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर रही कि पार्किंग स्थलों में वाहन खड़ा करने की जगह कम पड़ गई। यूपी क्षेत्र में पार्किंग स्थल में जगह न मिलने पर बाहर सड़कों में वाहन खड़े कराने पड़े। हर साल ज्यादातर श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्रालियों व लोडर से आते रहे है। इस बार इनमें प्रतिबंध लगने से चार पहिया व दो पहिया वाहनों की संख्या अधिक बढ़ गई।

भीड़ की वजह से परिक्रमा मार्ग में रहा रुट डायवर्जन

श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यूपी-एमपी प्रशासन की नजर परिक्रमा मार्ग पर अधिक रही। एमपी क्षेत्र में कामदनाथ प्रमुख द्वार एवं यूपी की तरफ खोही में जलेबी गली के पास मार्ग संकरा होने के कारण खास नजर रखी गई। दोनों ही प्रशासनों ने इन स्थलों पर अतिरिक्त फोर्स लगाया था। एमपी प्रशासन ने बांके विहारी मंदिर के पास परिक्रमा मार्ग को बंद करने के साथ ही गलियों में भी बेरिकेडिंग करा दी थी। यहां पर मंदिर के नीचे की ओर से परिक्रमा को डायवर्जन किया गया है, जिससे भीड़ के दौरान लोगों को दिक्कतें न हों।

डीएम ने मेला क्षेत्र की देखी व्यवस्थाएं

दीपदान मेला में भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम प्रशासन ने सख्त किए है। उप्र क्षेत्र में प्रशासन के नौ जोनल व 18 सेक्टर मजिस्ट्रेट मेला क्षेत्र की निगरानी कर रहे है। एसडीएम व सीओ स्तर के अधिकारी जोनल में लगे है। उनके साथ भारी मात्रा में पुलिसकर्मी तैनात है। बुधवार को सुबह डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने मेला क्षेत्र रामघाट से लेकर बरहा हनुमान मंदिर में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लोग निर्धारित प्वाइंट में मौजूद रहकर मेला की व्यवस्थाओं को संभालें। श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कतें नहीं होनी चाहिए।

श्रद्धालुओं ने भंडारों में लिया प्रसाद

धर्मनगरी में आयोजित दीपदान मेला के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई जगह भंडारे का आयोजन किया गया। आस्थावानों ने कई जगह काउंटर भी लगाए। श्रद्धालुओं को हलवा, पूड़ी, सब्जी आदि प्रसाद वितरित किया गया। श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर प्रसाद लिया। तुलसी पीठ की ओर से इस बार श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया गया। यहां पर प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसी तरह धर्मनगरी में कई स्थानों पर भंडारे के लंगर चलते रहे।

मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रही पाबंदी

यूपी व एमपी प्रशासन ने दीपदान मेला के दौरान वाहनों को बाहर ही खड़ा कराने के लिए पार्किंग के इंतजाम किए थे। कई जगह जगह वाहनों को रोकने के लिए बैरियर लगवाए गए थे। यूपी क्षेत्र में चार पहिया वाहनों को सीतापुर में ही रोक दिया गया। यूपीटी तिराहे पर बैरियर लगाकर इन वाहनों को सीधे पार्किंग की ओर भेजा गया। इसी तरह एमपी प्रशासन ने भी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पहले ही सभी वाहन रोक दिए थे। कामदनाथ की ओर केवल पासधारक वाहन वाले ही प्रवेश कर सके। प्रशासनिक व्यवस्था भी काफी सख्त नजर आई। यातायात पुलिस ने जाम की स्थिति को देखते हुए हर तरह से निपटने के इंतजाम किए थे।

मुश्तैदी के साथ डटी रही तैराकी टीम

दीपदान के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने को देखते हुए यूपी व एमपी प्रशासन ने अपने-अपने क्षेत्र में तैराकी टीम को मुस्तैद कर रखा था। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को सचेत किया जाता रहा कि मंदाकिनी में ज्यादा दूर तक जाकर स्नान न करें। बल्कि किनारे ही स्नान कर कामतानाथ के दर्शनों को जाएं। टीम के अलावा कुछ नाविकों को भी प्रशासन ने लगाया था।

घरों में पूजा के साथ जगमगाए दीप, दागे पटाखे

धर्मनगरी में स्थानीय लोगों ने भी दीपावली पर साफ-सफाई के साथ ही अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी वाली झालरों से सजाया। सोमवार की शाम को लोगों ने विधि-विधान के साथ लक्ष्मी-गणेश का पूजन-अर्चन किया। इसके बाद दीप जलाए। घरों के हर कमरों के साथ ही छत, दरवाजों में दीपक जलाए गए। देर रात तक लोगों ने पटाखे फोड़कर दीपावली का जश्न मनाया। पटाखों की गूंज देर रात तक गूंजती रही।

झांकियां रही आकर्षण का केन्द्र

तपोभूमि में भगवान के स्वरूपों की जगह-जगह झाकियां भी सजाई गई है। गावों से आई टोलियां भगवान के कीर्तन, भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं का मन मो रही है। परिक्रमा मार्ग में कई जगह झांकी सजी है। इसी तरह बच्चे भी भगवान का स्वरूप धारण कर श्रद्धालुओं को तिलक लगा रहे है। परिक्रमा मार्ग के मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। लोगों ने अपने घरों को झालरों से सजाए है।

श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रही सडकें

सीतापुर। दीपोत्सव में धर्मनगरी चित्रकूट में श्रद्धालुओं का इस कदर सैलाब उमड़ा रहा कि लोग आसानी से पैदल भी नहीं निकल पा रहे थे। लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं से यूपी व एमपी दोनों तरफ के मार्ग खचाखच भरे रहे। सतना मार्ग में रजौला तिराहा तक इस कदर भीड़ रही कि लोग धक्का-मुक्की कर आगे बढ़ रहे थे। प्रशासन की ओर से जगह-जगह भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इंतजाम किए गए थे।

टेंपो का निर्धारित किराया-

- कर्वी रेलवे स्टेशन से चित्रकूट तक- 20 रुपए

- कर्वी से सीतापुर तक- 15 रुपए

- कर्वी से बेड़ी पुलिया तक- 10 रुपए

- कर्वी से रिजर्व टेंपो चित्रकूट तक- 200 रुपए

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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