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यूपी: यहां औचक निरीक्षण पर पहुंचे डीएम ने बच्चों को पढ़ाया, लिया ये बड़ा एक्शन
बुधवार को डीएम अरुण कुमार टीचर की भूमिका में नजर आए। उनके हाथों में पेन की जगह चाक थी और वो ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को पढ़ाते रहे। दरअसल ये मौका था मुख्यालय स्थित गौरीगंज कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के औचक निरीक्षण का।
अमेठी: बुधवार को डीएम अरुण कुमार टीचर की भूमिका में नजर आए। उनके हाथों में पेन की जगह चाक थी और वो ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को पढ़ाते रहे। दरअसल ये मौका था मुख्यालय स्थित गौरीगंज कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के औचक निरीक्षण का।
इस दौरान डीएम ने लापरवाही बरतने पर वार्डन को हटाने के लिए बीएसए को निर्देश भी दिया। डीएम ने यहां अध्ययनरत छात्राओं से सवाल पूछे, जिसका छात्राएं जवाब नहीं दे सकी।
जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए डीएम ने वार्डन डॉ. अंजू पांडे को स्थानांतरित करने का निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया।
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90 छात्राएं उपस्थित पाई गई
विद्यालय में कुल 100 छात्राएं पंजीकृत हैं, जिसमें से 90 छात्राएं उपस्थित पाई गई। डीएम ने अनुपस्थित छात्राओं के बारे में वार्डन से पूरी जानकारी ली,
साथ ही जिलाधिकारी ने विद्यालय में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।विद्यालय के भोजनालय का निरीक्षण किया राशन, मसाले, तेल आदि की गुणवत्ता का भी अवलोकन किया गया।
डीएम ने वार्डन को निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चों के लिए जो मानक निर्धारित किया गया है उसके अनुसार ही सुविधाएं प्रदान की जाएं। किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
डीएम ने विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था, छात्राओं की उपस्थिति, सीसीटीवी कैमरा व कक्षाओं में साफ-सफाई की स्थिति का जायजा लिया।
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बहराइच में खुली शिक्षा व्यवस्था की पोल
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के डीएम शंभू कुमार शनिवार को तेजवापुर ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल बेड़नापुर के औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। शिक्षा की गुणवत्ता संतोषजनक न पाए जाने पर डीएम ने नाराजगी जताई। डीएम और एसडीएम ने काफी देर तक बच्चों को भी पढ़ाया।
उन्होंने शिक्षकों को भी सिखाया कि किस तरह से पढ़ाया जाए। डीएम ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका रागिनी अग्रवाल और सहायक अध्यापिका उपमा शुक्ला को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और अग्रिम आदेशों तक वेतन बाधित करने के साथ-साथ नोटिस जारी किए जाने का भी निर्देश दिया।
डीएम ने निरीक्षण में पाया कि अध्यापिका रागिनी अग्रवाल कक्षा चार और पांच के बच्चों को एक ही कक्षा में बैठाकर गणित पढ़ा रही थीं। क्लास में पहुंचने पर डीएम ने शिक्षिका द्वारा ब्लैक बोर्ड पर लिए गए जोड़ और घटाव के प्रश्नों को जब बच्चों से हल करवाया तो बच्चे संतोषजनक ढंग से प्रश्न हल नहीं कर सके।