×

...जब भगवान बन कर उभरे डॉक्टर, खुद खून दे बचाई मरीज की जान

Gagan D Mishra
Published on: 8 Oct 2017 2:51 PM IST
...जब भगवान बन कर उभरे डॉक्टर, खुद खून दे बचाई मरीज की जान
X

बांदा: आपने डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहते सुना होगा, लेकिन किसी मरीज की जान बचाने के लिए खुद का खून दान करने की बानगी नहीं देखी होगी। जी हां, उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्साधिकारी ने खुद का खून मरीज को दान कर यह साबित कर दिया है।

हमीरपुर जिले का जितेंद्र सिंह (28) अपने जिले में शिक्षा विभाग में अनुदेशक के पद पर तैनात हैं। वह पिछले एक पखवाड़े से पीलिया जनित बीमारी से ग्रसित है। शनिवार को उसके शरीर में महज पांच यूनिट खून बचा था। जिला चिकित्सालय बांदा के चिकित्सकों ने अस्पताल में भर्ती जितेंद्र के परिजनों को तत्काल 'ए बी निगेटिव' ग्रुप के खून का इंतजाम करने को कहा, लेकिन न तो ब्लड बैंक में ही खून मिला और न ही उसके रिश्तेदारों का ही ग्रुप मेल खाया।

इत्तेफाक से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कमासिन के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चक अचानक ब्लड बैंक पहुंचे और उन्होंने अपना खून देकर मरीज की जान बचा ली, जिससे एक बार फिर यह साबित हो गया कि वाकई डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है।

डॉ. नवीन चक से जब खून देने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि महज इलाज कर ही मरीज की जान बचाना चिकित्सक का फर्ज नहीं है, खून नहीं, अगर मेरी किडनी की भी मरीज को जरूरत होती तो वह भी दान कर देता।

--आईएएनएस

Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story