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UP: डॉक्टर ने की महिला के साथ छेड़खानी, बोला- मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते DM
गुरसरांय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ अधीक्षक का कहता है कि डीएम साहब, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि उसकी ऊपर तक पहचान है।
झाँसी: गुरसरांय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) में पदस्थ अधीक्षक का कहता है कि डीएम साहब, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि उसकी ऊपर तक पहचान है। यह कहना है सामुदायिक स्वास्थ्य में तैनात वार्ड ब्वाय सुलेखा (काल्पनिक नाम) का। महिला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेगी।
गुरसरांय थाना क्षेत्र के ग्राम विजौरा निवासी सुलेखा (काल्पनिक नाम) ने राज्य महिला आयोग को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि वह ग्राम विजौरा ब्लाक गुरसरांय से स्वास्थ्य कार्यकत्री आशा है। वह सीएचसी गुरसरांय में प्राइवेट दाई का काम भी करती है। डॉक्टर साहब के व्यक्तिगत नियम के मुताबिक जो भी दाई का काम करेगी उसे उसके प्राइवेट रुम पर आकर खाना, झांडू-पोछा आदि घर का काम भी करना पड़ेगा। महिला का कहना है कि बच्चों के भरण पोषण के वास्ते मैने सब इनके रुम पर किया। विगत 5 मार्च 2021 को हर रोज की भांति सुबह 10 बजे जब में किचन के काम के लिए रुम पर गई तो डॉक्टर साहब ने मुख्य द्वार का दरवाजा बंद कर दिया एवं अंदर आकर उसके साथ छेड़खानी करने लगा। जब उसने मना किया तो डॉक्टर साहब ने जबरदस्ती करने की कोशिश की। उसके साथ अश्लील हरकतें की।
जान बचाकर अस्पताल भागी महिला
शिकायती पत्र में कहा है कि मैनें किसी प्रकार किचन में घुसकर फाटक बंद करके अपना बचाव किया। इसके बाद मौका पाकर कमरे से निकलकर अस्पताल आ गई। कुछ देर बाद जब डॉक्टर साहब अस्पताल आए तो उन्होंने उससे उल्टा सीधा बोलकर अस्पताल छोड़कर घर जाने को कहा और कहा कि जो तुम्हारे साथ किया है वह बात किसी से न कहना। बाद में वह काम छोड़कर घर चली गई।
महिला आयोग से न्याय मांगा की
इसकी सूचना गुरसरांय थाने की पुलिस को दी तो पुलिस ने भी उसे भगा दिया कहा कि डॉक्टर साहब से समझौता कर ले, वरना जेल भेज देंगे। इस मामले की शिकायत एसएसपी कार्यालय में दी मगर अभी तक न्याय नहीं मिला है। शिकायती पत्र में कहा कि डॉक्टर साहब बार-बार फोन करके उससे राजीनामा करने को कह रहे हैं। महिला का कहना है कि वह अपनी इज्जत के साथ राजीनामा कतई नहीं करुंगी। महिला का कहना है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों को लेकर आत्महत्या कर कर लेगी। इसके लिए डॉक्टर व प्रशासन के अफसर दोषी होंगे। शिकायती पत्र के माध्यम से महिला ने महिला आयोग से न्याय मांगा है।