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योगी जी ! प्रतापगढ़ में सरकारी डाक्टर मस्त हैं और जनता त्रस्त है

Rishi
Published on: 29 March 2017 4:49 PM IST
योगी जी ! प्रतापगढ़ में सरकारी डाक्टर मस्त हैं और जनता त्रस्त है
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प्रतापगढ़ : एक तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकारी कर्मियों के पेंच कसने में लगे हैं। वहीँ सूबे के सरकारी डाक्टर किस तरह लापरवाह हो गए गए हैं। इसकी बानगी देखनी हो तो प्रतापगढ़ में देखिए। जहाँ एक सरकारी डाक्टर अस्पताल में ओपीडी के समय परिसर में बने आवास पर बेखौफ मरीजों का इलाज कर रहा है। ​

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मामला प्रतापगढ़ के नगर कोतवाली इलाके का है। जहाँ कई वर्षो से डॉ ​अनिल कुमार गुप्ता सरकारी अस्पताल में बच्चों के डॉक्टर के पद पर तैनात है। ये साहब इतने बेखौफ हैं, कि ओपीडी के समय में अस्पताल परिसर में बने अपने आवास पर निडर होकर ​प्राइवेट इलाज करते हैं।

इनके खिलाफ कई बार शिकायत भी हुई, लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी जाने किसके दबाव में हैं कि गुप्ता के खिलाफ कुछ सुनते ही नहीं हैं। मज़बूरी का आलम ये है कि मरीज इनके घर में आने को मजबूर हैं।

जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी यूके पाण्डेय को इस बारे में बताया गया तो उन्होंने मज़बूरी का रोना रो दिया। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ में कोई डॉक्टर प्रैक्टिस ही नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि पड़ोस के सुल्तानपुर जिले में एक न्यूरो सर्जन दिन भर में दो लाख कमा लेता है। लेकिन प्रतापगढ़ में कोई मरीज न्यूरो सर्जन को दिखाना नहीं चाहता है। यदि किसी का कोई मरीज है तो परिजन उसे इलाहाबाद ले जाकर भर्ती करवा देते हैं। यहाँ कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। यहाँ कोई भी नर्सिंग होम नहीं चलता है। नर्सिंग होम में लगे उपकरणों का पैसा भी नहीं निकलता है।

आपको बता दें, इस अस्पताल में डाक्टरों के आने का कोई समय निर्धारित नहीं है। जब जिस का दिल करता है वो आता है और चला जाता है। जबकि अस्पताल में आने का समय सुबह 9 बजे का है। लेकिन शायद ही कभी कोई इस समय आया हो, यही नहीं सीनियर डाक्टर अपने जूनियर को काम बता निकल लेते हैं, और बाकी के समय निजी प्रेक्टिस करते हैं।

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जबकि जिला अस्पताल में एक सौ नब्बे बेड हैं, जो भरे रहते हैं। महिला अस्पताल में तो मरीज लेटने का अपना निजी इंतजाम करते हैं इसके बाद भी डॉक्टर नदारद रहते हैं। हमारा इस मामले पर यही कहना है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी अपनी आखें खोलें तो उन्हें भी ये गोरखधंधा नजर आएगा।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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