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ये छोरी नहीं किसी से कम: प्रो-कबड्डी लीग में शामिल हुई कानपुर की चहेती डॉली सिंह

एक समय था जब बेटियों को घर में कैद कर के रखा जाता था। उन्हें घर के काम काज सिखाए जाते थे। मगर अब वक्त बदल चुका है। लड़कियां घरों से बाहर निकल कर लड़कों के

tiwarishalini
Published on: 13 July 2017 12:30 PM IST
ये छोरी नहीं किसी से कम: प्रो-कबड्डी लीग में शामिल हुई कानपुर की चहेती डॉली सिंह
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कानपुर: एक समय था जब बेटियों को घर में कैद कर के रखा जाता था। उन्हें घर के काम काज सिखाए जाते थे। मगर अब वक्त बदल चुका है। लड़कियां घरों से बाहर निकल कर लड़कों के कदम से कदम मिला रही हैं। घर हो या मैदान हर जगह जीत का झंडा गाड़ रही हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है प्रदेश कबड्डी टीम की प्लेयर डॉली सिंह उर्फ़ स्नेहा ने जिसका प्रो कबड्डी में सिलेक्शन हो गया है l

कानपुर की रहने वाली डॉली ने अपने हुनर से ना सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है।

नगाड़ों की थाप पर हुआ स्वागत

डॉली गुरुवार सुबह जब तमिलनाडु से अपने घर पहुंची तो सबने ढोल नगाड़ों से उसका स्वागत कियाl एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी ,इसके बाद परिवार के सदस्यों ने जमकर डांस कर इस पल को सेलिब्रेट किया l बेटी की इस सफलता पर पूरे परिवार को नाज है l

- कानपुर के बर्रा आठ में रहने वाले आशुतोष सिंह किसी तरफ से अपने परिवार का पालन पोषण करते है l

- परिवार में उनकी पत्नी आशा सिंह घर में ही बुटिक का काम करती है ,दो बेटिया नेहा व् स्नेहा है l

- आशुतोष का कोई बेटा नही है लेकिन उनकी इन दोनों ही बेटियों ने बेटे की कमी कभी महसूस नही होने दी l

- आशुतोष भी कहते है मेरी यह बेटिया किसी शेर से कम नही है। यह सब पर भारी है और मुझे अपनी बेटियों पर बहुत नाज है l

क्या कहती है डॉली?

- डॉली सिंह बताती है कि मै उत्तर प्रदेश की कबड्डी टीम की प्लेयर हूँ। मैंने देश के सभी प्रान्तों में कबड्डी मैच खेला है l हाल ही में तमिलनाडु में रासिक इंटरनेश्नल प्रतियोगिता चल रही थी ,जिसमे हमारी टीम नागालैंड से हार गई और नागालैंड सेमी फाइनल में पहुँच गई। वहीँ मेरा प्रो कबड्डी में सिलेक्शन हुआ है। प्रो कबड्डी का प्रसारण स्टार सपोर्ट करता है l

डॉली ने कहा कि प्रो कबड्डी खेलना मेरा सपना था। मुझे इसमें सफलता मिली है। आज मै और मेरा परिवार बहुत खुश है l अपने पेरेंट्स की ख़ुशी देख मेरी ख़ुशी में चार चाँद लग गए है। उन्होंने बताया कि मेरा नाम तो नॉमिनेट हो गया है, अब देखना है कि कौन सी टीम मुझे खरीदती है l

कुछ समय पहले हुआ था हमला

- डॉली सिंह पर कुछ शोहदों ने जानलेवा हमला किया था।

- जब यह खबर मिडिया में आई तो पीएमओ से सीएम कार्यालय तक से फोन आये थे l

- जिसमे सभी आरोपी गिरफ्तार किये गए थे और थाना अध्यक्ष ,चौकी इंचार्ज समेत कई सिपाहियों पर गाज गिरी थीl

- तब से अभी तक डॉली सिंह का टेरर पूरे क्षेत्र में कायम है l

डॉली के पिता के मुताबिक

- डॉली के पिता के मुताबिक मेरी बेटियों ने कभी बेटे की कमी महसूस नही होने दीl मैंने कभी यह नही सोचा की यह बेटियां है। मैंने इन्हें बेटो की तरह पाला। डॉली को पैसा खर्च कर प्रैक्टिस कराई उसे एक प्रदेश से दुसरे प्रदेश खेलने जाने के लिए प्रेरित करता रहा l मुझे पता था कि मेरी बेटी एक दिन मेरा नाम जरूर रोशन करेगी l

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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