हमीरपुर: कोविड से बचाव को लेकर घर-घर सर्वे कर टीकाकरण से वंचित बच्चे और गर्भवती किए जा रहे चिन्हित

हमीरपुर में कोरोना से बचाव को लेकर घर-घर सर्वे किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सर्वेक्षण के लिए कुल 339 टीमों को लगाया। कोरोना टीकाकरण से वंचित 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग भी चिन्हित किया जा रहा है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Ravindra Singh
Published on: 28 Jan 2022 2:26 PM GMT
हमीरपुर: कोविड से बचाव को लेकर घर-घर सर्वे कर टीकाकरण से वंचित बच्चे और गर्भवती किए जा रहे चिन्हित
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हमीरपुर: घर-घर सर्वे करती स्वास्थ्य विभाग की टीम

हमीरपुर। कोविड-19 से बचाव को लेकर घर-घर संवेदीकरण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान 29 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान गठित टीमों द्वारा घर-घर भ्रमण कर कोविड लक्षणयुक्त एवं टीकाकरण से छूटे बुजुर्ग, बच्चों व गर्भवती को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इस कार्य में 339 टीमें लगाई गई हैं। अभियान के दौरान 60 साल से ऊपर के डेढ़ हजार से अधिक ऐसे व्यक्ति मिले हैं, जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगाई गई थी। कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए 24 से 29 जनवरी चिन्हीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्य में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को लगाया गया है। सर्वेक्षण सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक किया जा रहा है। इस दौरान 339 गठित टीमों द्वारा 2.18 लाख घरों का सर्वेक्षण करते हुए कोविड लक्षणयुक्त, नियमित टीकाकरण से छूटे दो साल की आयु से कम के बच्चे व 60 वर्ष की आयु के कोविड टीका प्राप्त न करने वाले बुजुर्गाे की सूची तैयार की जा रही है। वहीं, नगर क्षेत्र हमीरपुर और राठ में 30 टीमों द्वारा सर्वे का कार्य किया जा रहा है। कोविड लक्षण वाले लोगों को टीम द्वारा दवाइयों की किट उपलब्ध कराई जा रही है। जिन लोगों को सांस फूलने, पसली चलने की दिक्कत है, उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन पल्स ऑक्सीमीटर से जांचा जा रहा है। यदि ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 प्रतिशत से कम है। उसकी पूरी जानकारी संबंधित ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सक को दी जाएगी। सर्वेक्षण पूर्ण होने पर घरों के बाहर स्टीकर लगाए जाएंगे।

ऐसे होगी पहचान

बुखार, खांसी, जुकाम, थकावट, सिरदर्द या बदन दर्द, स्वाद या गंध की चेतना चली जाना, बुखार के साथ दस्त, बुखार के साथ त्वचा पर चक्कते कोविड के लक्षण हैं।

अब तक 1.17 लाख घरों में हुआ सर्वे

कोविड सर्विलांस अधिकारी डॉ. पीके सिंह ने बताया कि इस अभियान के द्वारा परिवारों को कोविड से बचाव संबंधी सभी उपायों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का सही तरीके से प्रयोग करना, हाथ धोने की विधि आदि के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 27 जनवरी तक टीमों ने 1.17 लाख घरों में सर्वे पूरा कर लिया। इस दौरान 180 ऐसी गर्भवती चिन्हित की गई, जिनके कोई टीका नहीं लगा था। जबकि शून्य से दो वर्ष के 432 बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित मिले। 60 साल से ऊपर के 1747 ऐसे लोग चिन्हित किए गए, जिनके कोरोन का कोई टीका नहीं लगा था। जबकि कोरोना लक्षण वाले 40 लोग चिन्हित किए गए हैं।

टीमों को वास्तविक जानकारी दें

सीएमओ डॉ. एके रावत ने बताया कि घर-घर पहुंच रही टीमों को वास्तविक जानकारी जरूर दे। यदि कोविड के लक्षण हैं तो इसे कतई छिपाए नहीं और टीम को बताए, जिससे कि मौके ही दवाई उपलब्ध कराई जा सके। जरूरत पड़ने पर चिकित्सा अधीक्षक/प्रभारी चिकित्साधिकारी को सूचित किया जा सके।

नवजात की जान बचाने को खतरा उठाकर किया ब्लड डोनेट



हमीरपुर: ब्लड़ डोनेट करता युवक


जन्मजात लीवर की बीमारी से ग्रसित 22 दिन के नवजात की जिंदगी को बचाने को लेकर परेशान परिजनों को कौमी एकता रक्तदान फाउंडेशन से बड़ी राहत मिली। संस्था के संस्थापक ने इस नवजात सहित एक अन्य युवक की जान बचाने को लेकर रक्तदान किया। सुमेरपुर ब्लाक के विदोखर गांव निवासी अवधेश कुमार कुशवाहा की पत्नी पार्वती ने 22 दिन पूर्व एक शिशु को जन्म दिया था। बच्चा जन्मजात लीवर की गंभीर बीमारी से ग्रसित है, जिसकी वजह से उसे जन्म के साथ ही पीलिया की समस्या है। पिता अवधेश ने बताया कि जिस दिन से बच्चे ने जन्म लिया है, उसी दिन से उसके उपचार के लिए यहां-वहां दौड़भाग कर रहे थे। कानपुर में भी उपचार हुआ है, लेकिन जब आराम नहीं मिला तो वह बच्चे को लेकर हमीरपुर लौट आए हैं। जिसे जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। एसएनसीयू वार्ड के डॉ. सुमित सचान ने बताया कि बच्चे की हालत नाजुक है। उसे जन्मजात लीवर की बीमारी है, जिसकी वजह से बच्चे का पीलिया ठीक नहीं हो पा रहा है। गुरुवार को बच्चे को 30 एमएल ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी। पिता ब्लड के लिए परेशान थे। नाते-रिश्तेदारों से भी संपर्क करके निराश हो चुका था। तभी कौमी एकता रक्तदान फाउंडेशन के संस्थापक जिरगाम सिद्दीकी को इसकी सूचना मिली। जिरगाम ने बताया कि उन्हें अभी ब्लड डोनेट किए तीन माह भी पूरे नहीं हुए है। लेकिन जब बच्चे की हालत के बारे में पता चला तो उन्होंने 23वीं बार ब्लड डोनेट करने का फैसला ले लिया। इससे नवजात बच्चे के परिजनों को बड़ी राहत मिली। नवजात बच्चे को 30 एमएल ब्लड डोनेट करने के साथ ही जिरगाम ने अस्पताल में भर्ती धीरेंद्र कुमार पुत्र शिवशंकर निवासी ग्राम डिमुंहा के लिए भी एक यूनिट ब्लड डोनेट किया है। धीरेंद्र फेफड़ों में इंफेक्शन के कारण गंभीर रूप से बीमार है। उसे 6 यूनिट ब्लड की आवश्यकता है। ब्लड डोनेट करते समय गुलाब यादव, हुसैन रिजवी, दीपक गुप्ता, दिनेश कुशवाहा, अमित निषाद आदि लोग मौजूद रहे।

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