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Covid-19 से हो रही लगातार मौतें, गांव में पसरा मौत का सन्नाटा

कोरोना वायरस से दर्जनभर लोगों के घरों में मातम, चिकित्सीय कमी बड़ी वजह

Sarfaraz Warsi
Reporter Sarfaraz WarsiPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 18 May 2021 7:32 AM GMT
Covid-19 से हो रही लगातार मौतें, गांव में पसरा मौत का सन्नाटा
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बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के तहसील सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के कोटवाधाम में कोराना वायरस तेजी से अपने पांव पसार रहा है। गांव में लगभग दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है जिससे पूरे गांव में खैफजदा माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं सरकार की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था के उचित इंतजाम न होने का भी आरोप सरकारी महकमे पर लगाया जा रहा है।

बता दें कि कोटवाधाम गांव में खांसी, बुखार और ऑक्सीजन लेवल कम होने जैसे लक्षणों से मौतों का सिलसिला जारी है। इस गांव में अब तक करीब दर्जन भर लोगों की जान जा चुकी है और कई लोगों की तबीयत खराब है। गांव में स्वास्थ्य विभाग का उपकेंद्र भी है लेकिन वह भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। लगातार हो रही मौतों का न तो कोई सरकारी लेखा-जोखा है और ना ही सरकार की तरफ से कोई मेडिकल सुविधा। कोरोना महामारी से हो रही मौतों को लेकर ग्रामीणों में डर का माहौल है। क्षेत्र के कई गांवों में दर्जनों लोग बुखार, सांस लेने की दिक्कत और खासी जैसी मामूली बीमारी से दम तोड़ चुके हैं। इनमें से युवा वर्ग की संख्या ज्यादा है। आलम ये है कि लोग कोरोना की बात कह कर इनके अंतिम संस्कार में जाने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में कई मौत के मामलों में कोविड जांच न हो पाने के कारण महज औपचारिकता भर मास्क लगाकर इनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। बातचीत के दौरान गांव के अभिषेक ने बताया कि उनके चाचा को वैक्सीन लगने के दूसरे दिन से बुखार आना शुरू हुआ और उसके बाद धीरे-धीरे आॅकसीजन की समस्या शुरू हो गई। फिर उन्हें डाॅक्टरों को दिखाया गया। कई जगहों भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता गया और उनकी मौत हो गई। वहीं गांव की नवनिर्वाचित प्रधान के पति ने बताया कि वहां रहस्यमई तरीके के करीब 11 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों को कोई बीमारी नहीं थी, बस कुछ उनको थोड़ा फीवर आया और उसके बाद उनकी मौत हो गई। गांव में अब टेस्टिंग शुरू हुई है। उनका कहना है कि वहां शुरुआत में वैक्सीनेशन हुआ, लेकिन ज्यादातर ग्रामीणों ने जागरुकता की कमी के चलते वैक्सीन नहीं लगवाई। उन्होंने बताया कि कोटवाधाम एक धार्मिक स्थल है और यहां दूर-दूर से लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। ऐसे में यहां और ज्यादा सतर्कता की जरूरत है। वहीं गांव के निवासी प्रेम नारायण ने भी बताया कि गांव की पीएचसी का भवन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। इसी के चलते यहां डाक्टर और बाकी स्टाफ के रुकता नहीं और ड्यूटी के बाद वापस चला जाता है। उन्होंने बताया कि यहां काफी संख्या में लोग आते हैं, लेकिन फिर भी कोई इस अस्पताल की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

Pallavi Srivastava

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