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यहां 22 सालों से थाने के मालखाने में कैद हैं 'बाबा साहब',... पता नहीं कब मिलेगी मुक्ति

priyankajoshi
Published on: 6 Dec 2017 4:58 AM GMT
यहां 22 सालों से थाने के मालखाने में कैद हैं बाबा साहब,... पता नहीं कब मिलेगी मुक्ति
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शाहजहांपुर: भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस बुधवार (6 दिसंबर) को पूरा देश मना रहा है। संविधान के निर्माता कहे जाने वाले डॉ. अंबेडकर को वैसे तो दलितों का मसीहा कहा जाता है, लेकिन आज हम आपकों उस तस्वीर से रूबरू कराएंगे जिसे देखकर शायद अंबेडकर के नाम राजनीति करने वालों को शर्मसार होना पड़ सकता है।

शाहजहांपुर के कटरा थाने के मालखाने में कैद ये 10 फिट ऊंची प्रतिमा उस महान शख्स की है जिसे संविधान निर्माता तो कहा ही जाता है साथ ही ये दलित समाज में मसीहा के रूप में पूजा भी जाता हैं। लेकिन उनकी ये प्रतिमा इस थाने के मालखाने में पिछले 22 सालों से कैद की सजा काट रही है।

बीएसपी भी नहीं दे रही ध्यान

शाहजहांपुर के एक थाने के मालखाने में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पिछले 22 सालों से सजा काट रही हैं। लेकिन इस प्रतिमा को आजाद कराने वाला आज तक कोई सामने नहीं आया है। खास बात ये है कि बीएसपी नेता भी इस प्रतिमा की ओर खास ध्यान नहीं दे रहे। फिलहाल, अब बीएसपी नेता इसे आजाद कराकर किसी चौराहे पर लगवाने की बात कर रहे हैं।

क्या था मामला?

दरअसल 29 जुलाई 1995 में जब यूपी में पहली बार बसपा की सरकार बनी तो अंबेडकर अनुयाईयों ने इस प्रतिमा को कटरा के चौराहे पर स्थापित कर दिया। लेकिन कुछ लोगों के विरोध करने पर तत्कालीन तहसीलदार और सीओं ने प्रतिमा को चौराहे से उठवाकर थाने के मालखाने में रखवा दिया। उसके बाद 22 साल बीत गए लेकिन किसी भी अनुयायी और इस महान शख्स के नाम पर राजनीति रोटियां सेकने वाला कोई भी शख्स सामने नहीं आया। यहां तक इस प्रतिमा की बदहाली के बारे में पता तो सबको है पर उसकी मरम्मत करवाने के बारे मे भी आज तक किसी ने नहीं सोचा। उसके बाद से डॉ. अंबेडकर की ये प्रतिमा लावारिस हालत में थाने के मालखाने में कैद की सजा काट रही है। पिछले 22 सालों से गंदगी और कचरे के बीच रखी ये प्रतिमा अब बदहाल हो चुकी है। लेकिन उनके हाथों में इस हाल में संविधान की किताब देखकर उन लोगों पर शर्म आती है जों अंबेडकर के नाम पर राजनीति करते हैं। पुलिस के कपड़े भी इसी प्रतिमा के पास सुखाए जाते हैं। चूंकि इस प्रतिमा से संबंधित थाने में न ही कोई मुकदमा दर्ज है और न ही कोई विवाद बचा है लेकिन फिर भी लावारिस दिखाकर पुलिस और प्रशासन इसे अपनी हिरासत में लिए हुए है। बड़ी हैरत की बात है कि कई बार प्रदेश में बसपा की सरकार बनी और आज तक किसी भी नेता ने ये जानने की जहमत नहीं उठाई कि आखिर संविधान निर्माता और दलितों के मसिहा को आखिर इतनी लंबी कैद में क्यों रखा गया।

क्या कहा कोऑर्डिनेटर ने?

वहीं इस मामले पर बीएसपी के बरेली मंडल के जोन कोऑर्डिनेटर ने कहा कि उनके संज्ञान मे ये मामला पहले नहीं था। जब वह बीएसपी के जिला अध्यक्ष थे तब उनके संज्ञान मे मामला आया था। तब से वह प्रयासों मे लगे है कि प्रतिमा को मालखाने से हटाकर सही जगह स्थापित किया जाए। लेकिन प्रशासन कोई सहयोग नहीं कर रहा है। ये सच है कि जितने भी जिलाध्यक्ष रहे या विधायक रहे हो या फिर मंत्री रहे हो लेकिन किसी ने भी प्रतिमा को वहां से हटाने की कोशिश नहीं की। लेकिन वह प्रयासों मे लगे है कि मालखाने से बदहाल हो चुकी प्रतिमा को हटाकर सही जगह स्थापित की जाए।

क्या कहना है एसओ का?

इस मामले पर जब थाना एसओ धनंजय सिंह से जब इस बारे में बात की तो वह कुछ भी बोल नहीं पा रहे थे। उनका कहना था कि प्रतिमा तो रखी है पर उसको ऐसे कैसे हटवा सकते है। इसके लिए एसडीएम ही कुछ करवा सकते है।

वहीं जब एसडीएम तिलहर सत्य प्रिय सिंह से बात की तो उनका कहना था कि उनके संज्ञान मे ये मामला नही था पर ये तो बहुत बड़ा मामला है। इस मामले में मैं अभी कटरा थाने मे बात करता हूं और जो लीगल वे में हो सकता है वह काम करुंगा। जल्दी ही उस बदहाल प्रतिमा को कही सही जगह स्थापित कराया जाएगा।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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