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पिछले 22 साल से थाने के कबाड़खाने मे कैद हैं दलितों के मसीहा, इन्हें कौन कराएगा आजाद

पूरा देश आज (14 अप्रैल ) अंबेडकर जयंती मना रहा है और राजनैत पंडित अम्बेडकर के नाम पर वोट वैंक जुटाने में लगे है। संविधान के निर्माता कहे जाने

tiwarishalini
Published on: 14 April 2017 6:18 PM IST
पिछले 22 साल से थाने के कबाड़खाने मे कैद हैं दलितों के मसीहा, इन्हें कौन कराएगा आजाद
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शाहजहांपुर: पूरा देश आज (14 अप्रैल ) अंबेडकर जयंती मना रहा है और राजनैत पंडित अम्बेडकर के नाम पर वोट वैंक जुटाने में लगे है। संविधान के निर्माता कहे जाने वाले डा. अम्बेडकर को वैसे तो दलितों का मसीहा कहा जाता है। लेकिन आज हम आपकों उस तस्वीर से रूबरू कराएंगे जिसे देखकर शायद अंबेडकर के नाम राजनीति करने वालों को शर्मसार होना पड़ सकता है। यूपी के शाहजहांपुर के एक थाने के मालखाने में डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पिछले 22 सालों से सजा काट रही हैं। लेकिन इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी किसी राजनितिक दल या किसी समाजसेवी ने प्रतिमा को आजाद कराने के बारे में नही सोचा।

क्या है पूरा मामला?

- शाहजहांपुर के कटरा थाने के मालखाने में कैद ये 10 फिट ऊंची प्रतिमा उस महान शख्स की है जिसे संविधान निर्माता तो कहा ही जाता है साथ ये दलित समाज में मसीहा के रूप में पूजा भी जाता हैं।

-लेकिन उनकी ये प्रतिमा इस थाने के मालखाने में पिछले 22 सालों से कैद की सजा काट रही है। -29 जुलाई 1995 जब प्रदेश में पहली बार बसपा की सरकार बनी तो अंबेडकर अनुयाईयों ने इस प्रतिमा को कटरा के चैराहे पर स्थापित कर दिया।

-लेकिन कुछ लोगों के विरोध करने पर तत्कालीन तहसीलदार और सीओ ने प्रतिमा को चैराहे से उठवाकर थाने के मालखाने में रखवा दिया।

-उसके बाद से डा. अम्बेडकर की ये प्रतिमा लावारिस हालत में थाने के मालखाने में कैद की सजा काट रही है।

-पिछले 22 सालों से गन्दगी और कचरे के बीच रखी ये प्रतिमा अब बदहाल हो चुकी है।

-लेकिन उनके हाथों में इस हाल में संविधान की किताब देखकर उन लोगों पर शर्म आती है जों अम्बेडकर के नाम पर राजनीति करते हैं।

-थाने के मालखाने में रखी ये इस प्रतिमा पिछले 22 सालों से अपमान किया जा रहा। पुलिस के कपड़े भी इसी प्रतिमा के पास सुखाए जाते हैं।

बड़ी हैरत की बात है कि कई बार प्रदेश में बसपा की सरकार बनी और आज तक किसी भी नेता ने ये जानने की जहमत नहीं उठाई कि आखिर संविधा निर्माता और दलितों के मसिहा को आखिर इतनी लम्बी कैद में क्यों रखा गया।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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