Lucknow News: डॉ. जगदीश गांधी ने पीएम मोदी की जी-20 अध्यक्षता थीम 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य' की करी तारीफ

Lucknow News: एक औपचारिक वार्ता में डॉ. गाँधी ने कहा कि यह थीम भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की संस्कृति को स्पष्टतः प्रतिबिम्बित करती है और विश्व के देशों के एकता के सूत्र में पिरोने की अपील करती है।

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Published on: 3 Dec 2022 1:50 PM GMT
Dr Jagdish Gandhi praised PM Modi G 20 chairmanship
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Dr Jagdish Gandhi praised PM Modi G 20 chairmanship 

Lucknow News: सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन' के संयोजक डा.जगदीश गांधी भारत की जी-20 अध्यक्षता के महत्व को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की थीम 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य' की भूरि-भूरि सराहना की है। एक औपचारिक वार्ता में डा. गाँधी ने कहा कि यह थीम भारत की 'वसुधैव कुटुम्बकम' की संस्कृति को स्पष्टतः प्रतिबिम्बित करती है और विश्व के देशों के एकता के सूत्र में पिरोने की अपील करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों को उद्घृत करते हुए डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया था। भारत जी-20 अध्यक्षता के दौरान समग्र मानवता के कल्याण की दिशा में काम करने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ लाने के लिए काम कर रहा है, बावजूद इसके कि वर्तमान दौर में पूरा विश्व विभिन्न प्रकार की असमानताओं और संकटों से गुजर रहा है।

डा. गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि विश्व मानवता के कल्याण एवं आने वाली पीढ़ियों के सुन्दर भविष्य हेतु विश्व के देशों को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मानवतावादी दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है।

डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि इसी उद्देश्य के लिए सिटी मोन्टेसरी स्कूल पिछले 22 वर्षों से लगातार 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन' का आयोजन कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे विश्व के सबसे लोकप्रिय व प्रभावशाली नेता को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए और दुनिया को एक साथ लाने का प्रयास करते हुए देखना काफी अच्छा लग रहा है।

सिटी मान्टेसरी स्कूल ने हाल ही में नवंबर में 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 23वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन' का आयोजन किया था, जिसमें मारीशस के राष्ट्रपति श्री पृथ्वीराजसिंग रूपन के साथ ही 150 से अधिक मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और राष्ट्र प्रमुखों ने प्रतिभाग किया था।

इस सम्मेलन के प्रतिभागियों ने सम्मेलन की समाप्ति पर सर्वसम्मति से 'लखनऊ घोषणा' जारी किया, जिसके माध्यम से उन्होंने दुनिया के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों से अति शीघ्र अपने स्कूलों में पीस एजुकेशन की शुरूआत करने की मांग की गई है जिससे कि भावी पीढ़ी को विश्व नागरिक के रूप में विकसित किया जा सके।

Durgesh Sharma

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