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Avadh University: कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल सर्वोत्कृष्ट शिक्षाविद्, यूपीएए ने किया सम्मानित

Dr. Rammanohar Lohia Avadh University: डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल को यूपीएए द्वारा वर्ष 2022 के सर्वोत्कृष्ट शिक्षाविद् के सम्मान से सम्मानित किया गया।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 24 Dec 2022 10:12 PM IST
Ayodhya: Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University Vice Chancellor Prof. Pratibha Goyal honored by the best educationist UPAA
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अयोध्या: डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल सर्वोत्कृष्ट शिक्षाविद् यूपीएए ने किया सम्मानित

Dr. Rammanohar Lohia Avadh University: डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल को उत्तर प्रदेश अर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा वर्ष 2022 के सर्वोत्कृष्ट शिक्षाविद् के सम्मान से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में अर्थशास्त्र एवमं ग्रामीण विकास विभाग तथा फाईन आर्ट विभाग द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में विभाग की वरिष्ठ आचार्य प्रो. मृदुला मिश्रा द्वारा कुलपति को सम्मान प्रदान किया गया। इस उपलब्धि पर फाईन आर्ट की शिक्षिका एवं छात्र-छात्राओं के कार्यो की सराहना करते हुए निरन्तर कलात्मक सृजन के लिए प्रेरित किया। कुलपति ने बताया कि सर्वोत्कृष्ट कलाकृति का सृजन स्वच्छन्द वातावरण में एक कलाकार की अन्तः शक्ति व धनात्मक सोच होती है। पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ कला के विभिन्न विधाओं को चित्रित करना चाहिए।

दूसरी ओर सम्मान कार्यक्रम में ललित कला (फाईन आर्ट) विभाग की डा. सरिता द्विवेदी को कला एवमं संस्कृति के क्षेत्र में शैक्षणिक कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश अर्टिस्ट अकेडमी (यूपीएए) के प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया। डा. सरिता द्विवेदी को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके द्वारा कलात्मक प्रविधियो पर अधारित चार पुस्तको के लेखन, पौराणिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधि पर उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार द्वारा प्रायोजित 05 राष्ट्रीय कला कार्यशाला के संयोजन, 02 राष्टीªय कला प्रदर्शनी का संयोजन, शोध व शैक्षणिक विकास आधारित लगभग 27 कलात्मक संगोष्ठियों तथा छठे दिव्य दीपोत्सव मे 40 हजार दीए प्रज्ज्वलित किए जाने पर किया जाने पर किया गया। फाईन आट्र्स के समन्वयक डा. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग के लिए गौरव का पल है। डा. द्विवेदी को कलात्मक शैक्षणिक उपलब्धि के लिए यह सम्मान प्राप्त हुआ।

वहीं एमएफए के आशीष कुमार द्वारा निर्मित कलाकृत्ति को प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई पत्र प्रेषित किया जाना निश्चित रुप से छात्र-छात्राओं एवं विभागीय शिक्षिकाओं के लिए प्रोत्साहनमूलक है। कार्यक्रम में फाईन आर्टस आशीष प्रजापति के साथ विजेता उपविजेता छात्र-छात्राओं में वीरेन्द्र कुमार, सोनू प्रजापति, उमा कुमारी, वैश्णवी,वरुण, शिव ओम यादव, शिवशंकर यादव बडी संख्या में छात्र-छात्राओं उपस्थित रहे।

अविवि के छात्रों ने सर्दी से बचाने को जरूरतमदों के लिए कपड़ा संग्रह अभियान चलाया

विश्वविद्यालय के इंफारमेशन टेक्नोलाजी विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा निराश्रित लोगों को ठंड से बचाने के लिए जनसहयोग अभियान चलाया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल की प्रेरणा से छात्रों ने परिसर के विभिन्न विभागों में जाकर शिक्षकों एवं छात्रों से मिलकर सर्दी के मौसम में निराश्रित लोगों के लिए गर्म कपड़े एकत्र किए। छात्रों की इस मुहिम सभी स्वैच्छिक सहयोग देने आगे आये और पुनित कार्य के लिए छात्रों की सराहना की।

इस अभियान में छात्र-छात्राओं में क्षमा मिश्रा, विभू विश्वकर्मा, सुप्रिया सिंह, ईशा शुक्ला, सुमित कुमार, चन्द्रपाल सिंह चैहान, विपिन कुशवाहा, आरिफ खान, सूरज कुमार, आरिस अली, शिवेन्द्र ओझा, बलराम, ऋषभ, आयुष त्रिपाठी, विशाल कुमार, सचिन गुप्ता शामिल रहे। आईईटी संस्थान के डा. विनीत कुमार सिंह, डा. बृजेश भारद्वाज, इंजीनियर परिमल व इंजीनियर रमेश मिश्र के नेतृत्व में अभियान चलाया जा रहा है।

पत्रकारिता विभाग में मीडिया और पेड न्यूज विषय पर व्याख्यान का आयोजन

मुख्य धारा की मीडिया में पेड न्यूज एक अभिशाप के रूप में माना जाता है। क्योंकि यह प्रवृत्ति लोकतान्त्रिक विचारों को जनमानस तक पहॅुचने से रोकती है। पेड न्यूज, पत्रकारिता के क्षेत्र में सबसे पहले आन्ध्र प्रदेश वर्किंग जर्नलिष्ट एसोसिएशन ने जनमानस के बीच रखा था। उक्त वक्तव्य मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय पटना बिहार के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डा. रणजीत कुमार ने डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में मीडिया और पेड न्यूज विषय पर आयोजित व्याख्यान में बतौर वक्ता कही। उन्होंने छात्रों को बताया कि मीडिया शब्द की शुरूआत 1980 के दशक से मानी जाती है। यह शब्द 1990 के बाद से अधिक लोकप्रिय हो गया। इसी शब्द में ही प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया समाहित हो गया और वर्तमान में पत्रकारिता एक विधा हो गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमसीजे विभाग के समन्वयक डा. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान में मीडिया के समक्ष पेड न्यूज एक बड़ी चुनौती है। मीडिया की नैतिकता को बचाये रखने के लिए पत्रकारों को आगे आना होगा। ऐसा होने से मीडिया की विश्वसनीयता बनी रहेगी। कार्यक्रम में अतिथि का स्वागत अंगवस्त्रम भेटकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. अनिल कुमार विश्वा द्वारा किया गया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक डा. राजनारायण पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर सुभाष सिंह, संदीप शुक्ला, रोशनी कुमारी, शरद यादव, दिनकर मिश्र, गीताजंलि मिश्रा, आशु शुक्ला, अभिषेक दूबे, हिमांशी सिंह, शैलेश यादव, तान्या सिंह, प्रणीता राय, प्रगति ठाकुर, मनीषा ओझा, हरिकृष्ण यादव, सुधांशु शुक्ला, उत्तम ओझा, वंदनी सिंह, शिवम पाण्डये, प्रियांशा श्रीवास्तव, अतुल मौर्य, दीक्षा गौतम, अभिषेक त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।



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Shashi kant gautam

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