×

Lucknow News: SGPGI की डॉ. रूपाली खन्ना का कमाल, 150 किलो के मरीज में किया Pacemaker Implantation

Lucknow News: राजधानी के संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में कार्डियोलॉजी विभाग ने 150 किलोग्राम वजन वाले गंभीर रूप से मोटे मरीज में पेसमेकर इम्प्लांटेशन किया है।

Shashwat Mishra
Published on: 8 April 2022 4:01 PM GMT
Dr. Rupali Khanna of SGPGI performed Pacemaker Implantation in 150 kg patient
X

SGPGI की डॉ. रूपाली खन्ना का कमाल: Photo - Newstrack

Lucknow News: राजधानी के संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में कार्डियोलॉजी विभाग ने 150 किलोग्राम वजन वाले गंभीर रूप से मोटे मरीज में पेसमेकर इम्प्लांटेशन किया है। प्रक्रिया एक 61 वर्षीय पुरुष में की गई थी, जिसके ह्रदय की गति बहुत धीमी थी। मरीज लखनऊ का रहने वाला है और उसे 5 दिन पहले सांस फूलने की शिकायत के साथ एसजीपीजीआई इमरजेंसी में लाया गया था। मूल्यांकन करने पर पाया गया कि उनका पल्स रेट बहुत कम था। जिसके बाद, उन्हें पेसमेकर इम्प्लांटेशन की सलाह दी गई। रोगी के अधिक वजन को देखते हुए इस प्रक्रिया के लिए जोखिम अधिक था।

मोटे व्यक्तियों में होती है परेशानी

एसजीपीजीआई में कार्डियोलॉजी विभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ रूपाली खन्ना ने 'न्यूज़ट्रैक' को बताया कि मोटापे के रोगियों में इस प्रकिया में कई चुनौतियां हैं। मोटापे और वसा ऊतक के कारण गर्दन में नस को पंचर करना मुश्किल हो जाता है, जिसके माध्यम से पेसमेकर को डालने की आवश्यकता होती है।

आम तौर पर पंचर करने के लिए 5 सेमी लंबाई की सुई का उपयोग किया जाता है, लेकिन उसके वजन और बड़े शरीर के कारण, नस को पंचर करने के लिए एक विशेष बड़ी सुई का उपयोग किया गया था। डॉ सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि ये तकनीकें इस प्रकार के रोगियों के सामने आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद कर सकती हैं।

2 दिन बाद ही अस्पताल से मिली छुट्टी

कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ आदित्य कपूर ने कहा कि दुनिया भर में ऐसे मोटापे में पेसमेकर लगाने के बहुत कम मामले सामने आते हैं। सफल प्रक्रिया के बाद रोगी चलने फिरने में भी सक्षम है और प्रकिया के 2 दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

taza khabar aaj ki uttar pradesh 2022, ताजा खबर आज की उत्तर प्रदेश 2022

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story