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स्थापना दिवस: इंद्रेश कुमार ने कहा- मुगल काल के राजाओं को महान बताने वाले गद्दार

डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (DSMRU) के पहले स्थापना दिवस पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन मंगलवार (19 सितंबर) को किया गया। इस सेमिनार का उद्घाटन करने केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने किया। गवर्नर रामनाईक, मंत्री ओम प्रकाश राजभर और अन्य गणमान्य मौजूद रहें। अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

priyankajoshi
Published on: 19 Sept 2017 1:56 PM IST
स्थापना दिवस: इंद्रेश कुमार ने कहा- मुगल काल के राजाओं को महान बताने वाले गद्दार
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लखनऊ : डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (DSMRU) के पहले स्थापना दिवस पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन मंगलवार (19 सितंबर) को किया गया।

इस सेमिनार का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने किया। इस मौके पर गवर्नर राम नाईक, मंत्री ओम प्रकाश राजभर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

फिल्मों के जरिए उपयोगिताओं के बारे में बताया

स्थापना दिवस कार्यक्रम में शार्ट फिल्मों के जरिए डॉ. शकुंतला मिश्रा विवि में होने वाले पाठ्यक्रमों, कार्यक्रमों और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया।

इंद्रेश कुमार ने यूएनओ से किया निवेदन

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि 'विकलांगता जब दिव्यांगता में बदलती है तो ये वरदान हो जाती है। मैं यूएनओ से निवेदन करूंगा कि वह अपने चार्टर से डिसेबल शब्द निकाल कर दिव्यांग कर लें।'

इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो दुखी है या परेशान है। उसको दुत्कारना नहीं चाहिए और न ही तिरस्कार करना चाहिए। बल्कि उनकी मदद करनी चाहिए। इससे पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा, सम्मान खरीदा जा सकता है लेकिन पुण्य नहीं।

मानसिक विक्षिप्त लड़के ने राज्यपाल को किया संबोधित

वहीं समारेह में मानसिक विक्षिप्त रूद्र प्रताप नाम के एक लड़के ने पब्लिक गैलरी से राज्यपाल को संबोधित किया। उसने संबोधित करते हुए कहा कि वह उनकी शिकायत डोनाल्ड ट्रम्प से करेंगे। इस पर पुलिस उसको ऑडियोरिम के बाहर लें गई।

अशोक वाजपेयी ने दी बधाई

पूर्व मंत्री अशोक वाजपेयी ने कहा कि शकुंन्तला मिश्र विश्विद्यालय समावेशी शिक्षा का बेहतरीन उदाहरण है। यहां कई दिव्यांगजनो को समाज की मुख्य धारा में लाने का बेहतरीन काम किया है। इसके लिए उन्हें बधाई।

वर्ल्ड रिकॉर्ड में 5 रिकॉर्ड बनाए

केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय और सहकारिता थावरचंद गहलोत ने कहा कि निश्चित रूप से शकुंन्तला मिश्र विश्वविद्यालय अपने में अनोखा है। उन्होंने कहा, 'यह बहुत अच्छी बात है कि दिव्यांग और सामान्य वर्ग यहां साथ-साथ पढ़ते हैं। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि पीएम ने मुझे इस मंत्रालय को जीवंत बनाने का काम दिया। हमने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 5 रिकॉर्ड बनाए हैं।'

8 लाख दिव्यांगों को उपकरण बांटे

गहलोत ने कहा, 'हमने 2014 -15 से दिव्यांजनो को फेलोशिप योजना और विदेश में पढ़ने के लिए ओवर सीज स्कॉलरशिप दी। इसी तरह के कई प्रोत्साहन देते हैं। हमने जब मंत्रालय संभाला तो देखा की दिव्यांगजनों को उपकरण बांटने में कोई ठीक रिकॉर्ड ही नहीं था। हमने जहीर 5330 कैम्प आयोजित करके 8 लाख दिव्यांगों को उपकरण बांटे।'

दृष्टिबाधितों के लिए कोई कमी नहीं

थावरचंद का कहना है कि 'हमने साइन लैंग्वेज के लिए अनुसंधान का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए एक सेंटर भी बनाया जा रहा है। ये विश्विद्यालय भी उससे जुड़े है। 18 नई ब्रेल प्रेस अलग-अलग राज्यो में स्थापित करने का काम किया है, ताकि दृष्टिबाधित लोगों को हम पढ़ाई की दृष्टि से कोई कमी न आने दें।

हर एक बच्चे पर 6 लाख का खर्च

उन्होंने कहा कि बच्चों को कोक्लयेर इम्प्लांट की सुविधा दी। जिससे वो सुनने और बोलने लगे हैं। एक-एक बच्चे पर 6 लाख का खर्च आया है। हमने एक स्मार्ट स्टिक बनाई है, जिसमें दृष्टिबाधित व्यक्ति को 3 मीटर के रेडियस में कोई बाधा है तो वह वाइब्रेट करके व्यक्ति को सचेत कर देती है। हमने एक सुगम्य भारत प्रोग्राम शुरू किया, ताकि सरकारी भवन, निजी भवन सबमे रैम्प और लिफ्ट लगाने का काम कर रहे हैं। हमने जर्मन की ऑटो बॉक्स संस्था के बने कृत्रिम हाथ और पैर बांटे हैं।ये संस्था दुनिया में सबसे अच्छे कृत्रिम अंग बनाती है। ऐसे ही बहुत से काम किए हैं और करते रहेंगे।

राम नाईक ने जताई खुशी

इस यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय ने यहां पर ब्रेल प्रेस की स्थापना की घोषणा की। गवर्नर राम नाईक ने कहा कि मुझे आज बड़ी प्रसंन्नता है कि शकुंन्तला मिश्र यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि बहुत मुश्किल होता है दिव्यांगों के साथ समान्य बच्चों को पढ़ाना। लेकिन ये काम यहां होता है, इसके लिए बधाई। कुलपति प्रोफेसर निशिथ राय ने स्मृति चिन्ह देकर सभी अतिथियों का आभार जताया

इंद्रेश कुमार ने क्या कहा?

आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा, 'रोहिंग्या को समर्थन और सहानुभूति देने की बात करने वाले देशभक्त नहीं। इसके अलावा हमारा इतिहास भी गलत पढ़ाया जा रहा है। अकबर महान नहीं, आक्रांता था। ऐसे इतिहास को पढ़ाए जाने पर सार्थक बहस हो। इसके अलावा ये कहा कि मुगल काल के राजाओं को महान बताने वाले गद्दार हैं। उन्होंने न तो कोई उद्योग लगाया न कोई विश्वविद्यालय खोला। इसके अलावा बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा कहना ही उचित होगा। ये बात अयोध्या में हुए एक सम्मेलन में मुस्लिमो ने भी मानी है।'

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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