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Lucknow KGMU: डॉ. सुधीर राठौर ने बताया दिल का दौरा रोकने का तरीका
Lucknow News: KGMU में डॉ. सुधीर राठौर ने "हार्ट ऑफ़ द मैटर: स्टेट ऑफ़ द आर्ट और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ की रोकथाम, निदान और उपचार में हालिया प्रगति" पर व्याख्यान दिया।
Lucknow News Today: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) में मेडिसिन विभाग द्वारा 'भाटिया मिश्रा मेमोरियल ओरेशन' (Bhatia Mishra Memorial Oration) रखा। जिसे दो प्रख्यात पूर्व प्रमुखों प्रो. बीबी भाटिया और प्रो एसएस मिश्रा के सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में आयोजित किया जाता है। इस मौके पर चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट वैज्ञानिक को सम्मानित किया जाता है। कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ) बिपिन पुरी मुख्य अतिथि थे। वहीं, केजीएमयू लखनऊ के पूर्व छात्र और लंदन के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर राठौर को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
स्पीकर को किया सम्मानित
मैडिसिन विभाग (department of medicine) के प्रमुख प्रो. वीरेंद्र आतम ने दर्शकों को प्रो. बी बी भाटिया और प्रो. एस एस मिश्रा और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में जानकारी दी। प्रो. कौसर उस्मान ने श्रोताओं को वक्ता डॉ. सुधीर राठौर के बारे में परिचय दिया। केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ) बिपिन पुरी ने भी इस अवसर को संबोधित किया और स्पीकर को सम्मानित किया।
शुरुआती निदान और उपचार है दिल का दौरा पड़ने पर मृत्यु दर में कमी लाने का तरीका
डॉ. सुधीर राठौर ने "हार्ट ऑफ़ द मैटर: स्टेट ऑफ़ द आर्ट और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ की रोकथाम, निदान और उपचार में हालिया प्रगति" पर व्याख्यान दिया। उन्होंने मुख्य रूप से तीव्र और पुरानी कोरोनरी धमनी रोग के उपचार में हालिया प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. राठौर ने दिल के दौरे को रोकने के उपायों के महत्व पर भी जोर दिया और यह भी उल्लेख किया कि प्रारंभिक निदान और उपचार से दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु दर में कमी आ सकती है।
कार्यक्रम का संचालन मेडिसिन की सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक भागचंदानी द्वारा किया गया और धन्यवाद प्रस्ताव प्रो केके सावलानी ने दिया। इस मौके पर चिकित्सा विभाग के पूर्व संकाय प्रो. सी जी अग्रवाल, प्रो अशोक चंद्रा, प्रो आर सी आहूजा, प्रो एके वैश्य, प्रो अरविंद मिश्रा उपस्थित थे। चिकित्सा विभाग के अन्य संकाय-प्रो. एस सी चौधरी, प्रो एसके सोनकर, प्रो विवेक कुमार, डॉ डी हिमांशु सहित हृदय रोग विभाग एवं अन्य विभागों के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।