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जालौन: कोरोना मरीज की मौत के बाद बवाल, पुलिस ने संभाला मामला

जालौन में सुबह के समय दो कोरोना संक्रमितों की राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में मौत हो गई।

Afsar Haq
Reporter Afsar HaqPublished By Roshni Khan
Published on: 28 April 2021 10:58 AM IST
due to corona two people died in Government Medical College Orai Jalaun
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राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई (फोटो- सोशल मीडिया)

जालौन: प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है चाहे महानगर हो या गांव देहात हर जगह कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है और लगातार लोगों की मौत हो रही है। वही कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजो के शवों का सही समय पर अंतिम संस्कार भी नहीं हो पा रहा है।

ऐसा ही एक मामला आज जालौन में देखने को मिला। जहां सुबह के समय दो कोरोना संक्रमितों की राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज में दोपहर तक पूरी कागजी कार्रवाई हो जाने के बावजूद भी शव परिजनों को नहीं दिया गया और जब शाम के समय शव परिजनों को सौंपे गये, तो एम्बुलेंस से शावों को ले जाने के लिये एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा रुपये मांगे जाने लगे। इससे नाराज परिजनों ने देर शाम को दोनों शव उठाकर मेडिकल कॉलेज के बाहर कालपी रोड पर रखकर जाम लगा दिया और हंगामा शुरू कर दिया।

कोरोना संक्रमित दोनों मरीजों के शव बाहर रखे जाने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जिसकी सूचना पुलिस को मिली जो मौके पर पहुंची और उन्होंने हालात को काबू में पाने के लिए परिजनों को समझाया और जाम को खुलवाया।

आपको बता दे कि पूरा मामला उरई के राजकीय मेडिकल कॉलेज का है। जहां पर कोरोना संक्रमित 2 मरीजों की आज मौत हो गई। जिसकी जानकारी परिजनों को हुई, वह उरई मेडिकल कॉलेज पहुंचे और उन्होंने शव को ले जाने के लिये कागजी कार्रवाई की। कागजी कार्रवाई होने के बावजूद भी शव को मेडिकल कॉलेज की एंबुलेंस द्वारा नहीं भेजा गया और एम्बुलेंस कर्मी शव शमशान तक ले जाने के लिये 1 हाजर रुपये मांगने लगे और कई घण्टे शव रखे रहने की वजह से दोनों शव से बदबू आने लगी।

जिससे नाराज होकर परिजनों ने स्ट्रेचर के साथ दोनों शव को उरई के राजकीय मेडिकल कॉलेज गेट के बाहर ले आए। जहां उन्होंने बाहर रखकर जाम लगा दिया और जोरदार हंगामा करने लगे। कोरोना संक्रमित शव को बाहर देख वहां पर हड़कंप मच गया, जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस व प्रशासन को दी गई।

सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा जहां उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, कड़ी मशक्कत के बाद परिजनों को समझाया तथा दोनों संक्रमित शव को एंबुलेंस में रखवा कर शमशान भिजवाया।

परिजनों का आरोप है कि पूरी प्रक्रिया दोपहर तक हो जाने के बावजूद भी शव नहीं दिया गया। जिस कारण सब से बदबू आने लगी वही एंबुलेंस के लिए उनसे एक-एक हजार रुपये की भी मांग की गई।

वहीं इस मामले में उरई सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार शुक्ला का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से बात हुई उनके अनुसार परिजन वार्ड से सीधे शव को ले जा रहे थे। जबकि नियमानुसार कोविड मरीज के शव को मोर्चरी में रखा जाता है लेकिन परिजन द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा था वहीं इस मामले की जांच की जा रही है जो भी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।



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Roshni Khan

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