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अवैध बेसमेंट के लिए खोदा जा रहा था गहरा गढ्ढा, कच्ची दीवार गिरने से बुजुर्ग को लगी चोटें
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में बङा हादसा होने से बच गया। यहां अवैध रूप से बन रहे बेसमेंट के लिए खोदे जा रहे गढ्ढे की चपेट मे आने से एक कच्चे मकान की दिवार गिर गई। दिवार के मलबे मे एक बुजुर्ग महिला दब गई। आसपास रहने वाले लोगो की सूझबूझ से मलबे मे दबी महिला को बाहर निकालकर जिला अस्पताल मे भर्ती कराया। जहां घायल महिला की हालत नाजुक बनी हुइ है।
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वही दिवार गिरने के बाद बन रहे बेसमेंट का मालिक मौके से फरार हो गया। अगर ये दिवार दिन मे गिरी होती तो एक बङा हादसा हो सकता था। चुकि इस दिवार के बराबर मे बेसमेंट के लिए गढ्ढा खोदा जा रहा था। वही अवैध रूप से खोदे जा रहे गढ्ढे के बारे मे जब अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नही था।
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दरअसल रविवार की रात चौकी कोतवाली के चौभुर्ज मोहल्ले मे 60 साल की बुजुर्ग फहमीदा मकान मे अकेली रहती है। फहमीदा के पती की मौत हो चुकी है। घायल फहमीदा के परिजनों ने बताया कि बुजुर्ग महिला नमाज पङके घर के आंगन मे लेटी थी। तभी अचानक घर की दिवार गिर गई। दिवार फहमीदा के उपर गिरी।
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दिवार के मलबे मे फहमीदा दब गई।जिससे बुजुर्ग महिला को गंभीर चोटे आई। दिवार गिरने की खबर आसपास लोगो को लगी तो पङोस मे रहने वाले लोगो ने फौरन ही सरकारी मदद के बैगर खुद ही मलबा हटाकर फौरन घायल महिला को जिला अस्पताल मे भर्ती कराया जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुइ है।
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इस हादसे की वजह घर के बराबर मे एक बेसमेंट बन रहा है। जिसमे अवैध रूप से काम चल रहा है। इस बेसमेंट की नीव करीब 20 फिट गहरी खोदी जा रही थी। यही वजह है की गहरा गढ्ढा होने कारण ही पङोस के घर की दिवार गिर गई। ये हादसा अगर दिन मे होता तो शायद गढ्ढा खोदने वाले मजदूर इसकी चपेट मे आ जाते और एक बङा हादसा हो जाता।
हादसे के बाद बेसमेंट का मालिक मौके से फरार हो गया। वही जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने मौके पर जाने की जहमत तक नही उठाई। प्रशासनिक अधिकारियों यही उदासीन रवैया ही अवैध रूप से हो कामो को बङावा देते है। ईएमओ डाक्टर अनुराग पाराशर ने बताया कि दिवार गिरने से महिला दबकर घायल हो गई है। महिला को भर्ती कर लिया है। महिला का इलाज किया जा रहा है। महिला डाक्टर को भी बुलाया गया है। फिलहाल अभी महिला की हालत गंभीर बनी हुइ है।
आपको बता दें आठ दिन पहले भी यहां रोजा थाना क्षेत्र मे निर्माणाधीन स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 18 मजदूर दब गए थे। जिसमे से तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी। और दो मजदूरों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। जिसमे अभी भी 13 मजदूरों की इलाज चल रहा है। इतना बङा हादसा हो गया था लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही किसी से छुपी नही रही।
हादसे के बाद फौरन डीएम और एसपी ने स्कूल मालिक, ठेकेदार और आर्किटेक्ट के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और कई बार मीडिया मे ब्यान दिया था कि 24 घंटे मे हादसे के दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन आठ दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने स्कूल के मालिक और आर्किटेक्ट को गिरफ्तार नही किया।
जो पांच मजदूरों के मौत के दोषी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। पांच मौतों के दोषी इसलिए खुलेआम घूम रहे हैं क्योंकि वह प्रदेश के कद्दावर कैबिनेट मंत्री के बेहद करीबी हे।जिला प्रशासन की इसी लापरवाही के चलते जिले मे धङलले से अवैध काम होते है अवैध निर्माण होते है और जिला प्रशासन चुप रहता है।