Weather Update: यूपी में जमीन की गर्म हवा ठंडे बादलों से मिलकर गिरा रही बिजली

Weather Update: अकेले फतेहपुर में 09 मौतें हो चुकीं, पूरे प्रदेश में अब तक 54 मौतें हो चुकी है।

Snigdha Singh
Published on: 13 July 2024 5:32 PM GMT
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Weather Update: आकाशीय बिजली जानलेवा साबित हो रही है। जमीन की गर्म हवा ठंडे बादलों से मिलकर खूब बिजली गिरा रही है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही अब तक 54 मौतें आकाशीय बिजली से हो चुकी हैं। विगत सालों की तुलना में इस बार बिजली गिरने का ट्रेंड ज्यादा दिख रहा है। इसका कारण भी जलवायु परिवर्तन माना जा रहा है।आकाशीय बिजली से बचाव के लिए प्राचीन काल से प्रयास किए जाते रहे हैं। ऐतिहासिक भवनों, अन्य ऊंची इमारतों, धार्मिक स्थलों में अर्थिंग की जाती है। ताकि आकाशीय बिजली से वे सुरक्षित रहें पर हर समय व्यक्ति ऐसे स्थान पर नहीं हो सकता, जहां अर्थिंग की पूरी व्यवस्था हो। इन दिनों बारिश के दौरान खुले मैदानों आदि में बिजली गिरने से इंसान और पशु इसकी चपेट में आ रहे हैं।

आकाशीय बिजली से बढ़ीं मौतें

बारिश में देशभर में आकाशीय बिजली की घटनाएं होती रहती हैं पर इन दिनों उत्तर प्रदेश और बिहार में घटनाएं ज्यादा हुई हैं। प्रदेश में 54 ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 30 मौतें पिछले 72 घंटों में हुई हैं। अकेले फतेहपुर में 09 मौतें हुई हैं। प्रतापगढ़ और प्रयागराज में 30 मौतें हो चुकी हैं। कानपुर के शिवाला स्थित प्राचीन बाबा कैलाश मंदिर पर बिजली गिरी थी, जिससे उसका शिखर क्षतिग्रस्त हो गया। 100 घरों में बिजली के उपकरण भी फुंक गए।


जमीन-आसमान से है इसका रिश्ता

उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं। वज्रपात की बढ़ती घटनाओं के पीछे मौसम विज्ञानियों का कहना है कि असमान हवाओं और बादलों में बड़े बर्फ के क्रिस्टलों की ज्यादा संख्या इसकी जिम्मेदार हो सकती है। बारिश कम होने से ऐसे बड़े क्रिस्टल बनने की संभावना बढ़ती है। आसमान में ठंडी हवा-बादल और जमीन से उठने वाली गर्म हवाएं जैसे ही संपर्क में आती हैं, वैसे ही दो तरह के चार्ज धनात्मक-ऋणात्मक बन जाते हैं। इनके टकराने से बिजली गिरने की घटनाएं होने लगती हैं।


बारिश न हुई तो और गिरेगी बिजली

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, बादल तो इन दिनों छाए रहते हैं पर बारिश नहीं होती है। बादलों में तापमान कम है और जमीन से उठने वाली गर्म हवाएं हल्की होकर बादलों से टकरा रही हैं। बादलों में संघनन (कंडेंसेशन) से ड्रॉपलेट यानी बर्फ के छोटे टुकड़े बनते हैं। हवाओं के कारण छोटे क्रिस्टल पुंज में बदल जाते हैं और फिर आवेशित होकर टकराते हैं, जब क्रिस्टल टूटते हैं तो बिजली गिरती है।


चमक से डरिए गर्जना से नहीं

आमतौर पर लोग बारिश में बादलों की गर्जना से डरते हैं। तकनीकी तौर पर चमक की गति तेज होती है पर आवाज की गति धीमी होती है। बिजली गिरने पर चमक पहले दिखती है और फिर अंतर घटना के बाद गर्जना सुनाई देती है।


मई-जून की गर्मी भी एक कारण

मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक, आकाशीय बिजली तो प्राकृतिक घटना है पर इसकी आवृत्ति का बढ़ना और अधिक जानलेवा होना जलवायु परिवर्तन का बड़ा कारण है। मई-जून में उत्तर प्रदेश में तापमान अधिक रहा है। बारिश अपेक्षा से बेहद कम हो रही है। इस कारण जमीन ठंडी नहीं है। गर्म हवा ऊपर की ओर जा रही है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रहे नमी वाले बादल ठंडे हैं। इसी की उथल पुथल से बिजली गिर रही है।

Shalini singh

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