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पुलिस की प्रताड़ना ने युवक को पहुंचाया हॉस्पिटल, डायलिसिस से चल रहा इलाज
कानपूर : यह मामला कानपुर का है। जहां पनकी पुलिस की बेरहमी की वजह से युवक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। पनकी थाने के दरोगा शिवभजन ने गोपाल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद गोपाल की हालात इतनी खराब हो गई कि घर ले जाने के बजाए सीधे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। एक समाजसेवी ने उसे सहारा दिया और अपने खर्चे पर प्राइवेेेेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
क्या का पूरा मामला?
-जब गोपाल के परिजनों ने आपत्ति जताई तो दरोगा ने कहा कि तुम्हारा बेटा अब मरने के बाद ही जेल से बाहर आएगा।
-गोपाल की बूढ़ी मां सुधा शुक्ला ने बताया कि 'मेरा लड़का अपने दोस्त के साथ दवा लेने गया था। वहां से शिवभजन दरोगा ने उठा लिया ।
-गोपाल की मां का कहना है कि मेरे बेटे को फंसाया गया है।
-गोपाल 14 दिनों तक जेल में रहा उसके बाद जब जमानत पर जेल से छूटा तो वह अपने पैरों से चल नहीं पा रहा था।
-इसके बाद गोपाल को अस्पताल में भर्ती कराया।
-जेल से छूटने के बाद गोपाल ने अपनी मां को बताया कि जेल में इंजेक्शन लगाया गया और दवा दी गई थी। इसके बाद से ही किडनी खराब हो गई।
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समाजसेवी ने दी आर्थिक मदद
-जिंदगी और मौत से जूझ रहे गरीब गोपाल को एक समाजसेवी ने सहारा दिया और उसको अपने खर्चों पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
-गोपाल का इलाज करवा रहे समाजसेवी आदिल का कहना है कि करीब आठ महीने पहले पनकी के दरोगा शिव भजन थे जो, अब रिटायर्ड हो चुके है।
-हम लोगों ने मुकदमे की कॉपी चेक की उसमें कही भी गोपाल का नाम नहीं है।
-आदिल का कहना है कि गोपाल जब जेल में था तब से इसके पेट में दर्द हुआ था जेल में ही इसको कोई इंजेक्शन लगाया गया था उसके बाद से वो बीमार है ।
-अब समाजसेवी आदिल ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को ट्वीट करके जानकारी देने की तैयारी कर रहे है ।
क्या कहना है डॉक्टर का?
-जेल से छूटने के बाद गोपाल का एक निजी नरसिंग होम में इलाज चल रहा है।
-जहां उसकी हालात में अब सुधार आने लगा है।
-गोपाल का इलाज कर रहे डॉक्टर सीके सिंह का कहना है कि इसको गुर्दे और किडनी की बीमारी है।
इलाज के बाद भी इसके गुर्दे में काफी खराबी है जिससे डायलेसिस किया जा रहा है।