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अच्छे दिनों के इंतज़ार में बुजुर्ग दंपति की पथराई आँखें, अब हैं दाने-दाने के मोहताज

मिट्टी और ईंट से बनी झोपड़ी, टूटी हुई छत, कई दिनों से बुझा हुआ चूल्हा, घर के बचे हुए अनाज में पड़े हुए कीड़े, रोती हुई बुजुर्ग महिला, महीनो से बीमार बुजुर्ग यह तस्वीर अपने आप में एक ऐसा सवाल खड़ा करती है। जिसे देख किसी की भी आँखे भर जाये। जिंदगी के बचे हुए कुछ दिन यह बुजुर्ग दम्पति अपने भाग्य के भरोसे जी रहे है और जिम्मेदार अपने इनको मिलने वाले योजनाओ का बंदरबाट कर रहे है।

Roshni Khan
Published on: 7 July 2019 10:22 AM GMT
अच्छे दिनों के इंतज़ार में बुजुर्ग दंपति की पथराई आँखें, अब हैं दाने-दाने के मोहताज
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गोरखपुर: मिट्टी और ईंट से बनी झोपड़ी, टूटी हुई छत, कई दिनों से बुझा हुआ चूल्हा, घर के बचे हुए अनाज में पड़े हुए कीड़े, रोती हुई बुजुर्ग महिला, महीनो से बीमार बुजुर्ग यह तस्वीर अपने आप में एक ऐसा सवाल खड़ा करती है। जिसे देख किसी की भी आँखे भर जाये। जिंदगी के बचे हुए कुछ दिन यह बुजुर्ग दम्पति अपने भाग्य के भरोसे जी रहे है और जिम्मेदार अपने इनको मिलने वाले योजनाओ का बंदरबाट कर रहे है।

आज आपको एक ऐसी तस्वीर देवरिया जनपद के सलेमपुर की दिखाते है जहाँ आज यह बुजुर्ग दम्पति अच्छे दिन की तलाश में अपनी बची हुई जिन्दगी को काटने पर मजबूर है।

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उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के सलेमपुर ब्लॉक का अहिरौली लाला गाव-- जहा के रहने वाले भिभूति लाल श्रीवास्तव जब तक उनका हाथ और पैर सही सलामत था तब तक उनकी जीविका आराम से चल रही थी। उनके 2 बेटे है एक कानपुर में प्राइवेट नौकरी कर अपना परिवार अलग लेकर अपनी जीविका चलाता और दूसरा रोजगार की तलाश में भटकता रहता है न तो उसको गाव में कोई रोजगार मिला न तो बाहर। जब तक विभूति लाल चल रहे थे तब तक कोई दिक्कत नही हुई।

लेकिन उनके अचलस्त होते ही मानो उनके परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा और उनका परिवार दाने दाने को मोहताज हो गया। घर के बाहर पति पत्नी किसी के मदद का इंतजार करते रहते है। किसी तरह से आवास के लिए ग्राम प्रधान से कहा भी तो प्रधान ने 25 हजार रुपये की मांग कर दी। जो कि यह देने में असमर्थ थे जिस कारण इनको आवास नही मिल पाया। यही नही ग्राम प्रधान की और करतूत सुनिए, इस परिवार में शौचालय बनवा कर 2 हजार रुपये ले लिया। लेकिन इन दंपत्ति पर उसे तरस नही आया।

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कोटेदार भी राशन इतना देता है कि बस 10 दिन में ही वह खत्म हो जाता है। किसी तरह से इधर उधर करके इनका काम चलता था। बुजुर्ग महिला मदद की आस में दिन रात रोती है की कोई आये और उनकी मदद करे। लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदार की नजर इस पर नहीं पड़ी।

जब इस मामले पर प्रधान पति का पक्ष जानना चाहा तो सरकार पर ही सवाल करते हुए कहा कि जब कोई योजना होगी तब ही न इनको दिया जायेगा। मेरे तरफ से पूरी मदद की जाती है। वही पैसे लेने के आरोप को नकारते हुए प्रधानपति ने कहा की यह सब बेबुनियादी बाते है पीड़ित परिवार का आरोप गलत है।

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इस पुर घटना की जानकारी जब सलेमपुर विधान सभा की भाजपा विधायक काली प्रसाद को दी गई तो उनका कहना था आप के द्वारा मामला संज्ञान में आया है। हम तत्काल उस परिवार को मदद करने के लिये अधिकारियो को भेज रहे है और साथ ही साथ हम भी वहा जा रहे है। यह मेरी भी जिम्मेदारी बनती है। हम अपने नागरिको का ध्यान रखे और उनकी हर यथा सम्भव मदद करे।

वही जब इस मामले पर हमने विकास खण्ड प्रभारी गजेंद्र कुमार तिवारी से बात की तो उनका कहना था कि उनकी पात्रता जाँच करा कर उनके नाम से आवास आवंटित कराने कार्य किया जायेगा। साथ ही कोटेदार द्वारा राशन अगर उन्हें कम दिया जा रहा है तो उसकी भी जाँच कराइ जायेगी। अगर ग्राम प्रधान की तरफ से आवास के नाम पर पैसे की मांग की गई होगी तो उन पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।

Roshni Khan

Roshni Khan

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