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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के लाभार्थियों को बांटे गये डमी चेक

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना‘ के शुभारम्भ को राज्य सरकार की सार्थक पहल बताते हुए कहा कि इस योजना के उद्देश्य अत्यन्त पवित्र हैं।

Aditya Mishra
Published on: 25 Oct 2019 9:17 PM IST
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के लाभार्थियों को बांटे गये डमी चेक
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना‘ के शुभारम्भ को राज्य सरकार की सार्थक पहल बताते हुए कहा कि इस योजना के उद्देश्य अत्यन्त पवित्र हैं।

यह योजना भ्रूण हत्या, लैंगिक असमानता समाप्त करने, बालिकाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने व बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच पैदा करने में सहायक होगी।

महिला सशक्तिकरण के प्रति राज्य सरकार की वचनबद्धता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’, इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।

राज्यपाल आज यहां लोक भवन में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में महिलाओं के प्रति भेदभाव व हिंसा की प्रवृत्ति समाप्त करने की इच्छाशक्ति है, किन्तु इस सम्बन्ध में जागरूकता लाकर व एकजुट होकर प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धनतेरस के पावन पर्व पर ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के शुभारम्भ हेतु लक्ष्मीस्वरूपा बालिकाओं को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति व परम्परा में मातृशक्ति के सशक्तिकरण के माध्यम से सम्पूर्ण चराचर जगत के कल्याण का भाव निहित है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण व कल्याण के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ सहित तीन दर्जन से अधिक योजनाएं लागू की गई हैं। राज्य सरकार ने इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही, आवश्यकतानुसार अपनी योजनाएं भी प्रारम्भ की हैं। इससे प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृृत्यु दर में प्रभावी कमी आयी है।

सभी सामाजिक, सार्वजनिक एवं स्वयंसेवी संगठनों से ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना‘ के प्रसार का आह्वाहन करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम में यह योजना सहायक होगी।

उन्होंने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना की गाइड लाइन के अनुसार सभी पात्र बालिकाओं को योजना का लाभ दिलाया जाए।

इस योजना को नारी सशक्तिकरण और महिला कल्याण योजनाओं के साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि योजना के लिए धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि इसके लिए पहले से ही बजट की व्यवस्था कर ली गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश के कई क्षेत्रों से कन्या भ्रूण हत्या के समाचार आते रहते थे। वर्तमान राज्य सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन तथा मुखबिर योजना लागू कर इस पर नियंत्रण किया है। राज्य सरकार द्वारा सत्ता में आते ही ‘एण्टी रोमिया स्क्वाड’ का गठन किया गया। ‘विमेन पावर

लाइन-1090’, महिला हेल्पलाइन ‘181’ को सुदृढ़ किया गया। साथ ही, इसे डाॅयल-100, जिसे शीघ्र ही एकीकृत आपात सेवा ‘112’ के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है, से इन्टीग्रेट किया गया है। इससे महिलाओं और बालिकाओं में सुरक्षा का भाव पैदा हुआ है।

परिवार में बालक-बालिका में भेद और बालकों को निजी तथा बालिकाओं को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भेजने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने की कार्यवाही कर रही है।

आपरेशन कायाकल्प में 92 हजार से अधिक स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। साथ ही, इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को निःशुल्क यूनीफाॅर्म, पुस्तकें, बैग, जूता-मोजा तथा ठण्ड के दिनों में स्वेटर प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि विगत ढाई वर्षाें में स्कूल चलो अभियान के माध्यम से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 50 लाख बच्चों का अतिरिक्त नामांकन हुआ है।

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Aditya Mishra

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