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Lucknow Ram Leela 2022: कुटिया निर्माण, भरत-राम मिलन, भरत का चरणपादुका लेना लीला ने दर्शकों को किया मंत्र मुग्ध

Lucknow News: रामलीला में पांचवें दिन कुटिया निर्माण लीला, सीता स्वप्न दर्शन, भरत का वन प्रस्थान, निषाद राज भरत संवाद, भरत-राम मिलन, कैकई भरत संवाद एवं कैकई विलाप लीला हुई।

Ashutosh Tripathi
Published on: 1 Oct 2022 8:00 AM IST (Updated on: 1 Oct 2022 10:18 AM IST)
Building a hut at Aishbagh Ramlila, Bharat-Ram meeting, taking Bharats foot-paduka, Leela enthralled the audience
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ऐशबाग रामलीला में कुटिया निर्माण, भरत-राम मिलन, भरत का चरणपादुका लेना लीला ने दर्शकों को किआ मंत्र मुग्ध: Photo- Newstrack

Lucknow News Today: रामलीला (Ram Leela) में पांचवें दिन कुटिया निर्माण लीला, सीता स्वप्न दर्शन, भरत का वन प्रस्थान, निषाद राज भरत संवाद, भरत-राम मिलन, भरत का चरणपादुका लेकर वापस जाना, भरत का महल त्याग देना, नंदीग्राम गमन, कैकई भरत संवाद एवं कैकई विलाप लीला हुई। ऐशबाग रामलीला (Aishbagh Ramlila) में आज मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय (Higher Education Minister Yogendra Upadhyay) शामिल हुए, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी को राम के चरित्र का अनुकरण करना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय को श्री राम लीला समिति ऐशबाग (Shri Ram Leela Committee Aishbagh) के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल और सचिव पं0 आदित्य द्विवेदी ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

आज की रामलीला का आरम्भ कुटिया निर्माण लीला से हुआ, इस प्रसंग में भगवान राम जब चित्रकूट पहुंचते हैं तो उनकी मुलाकात वाल्मीकि ऋषि से होती है और वह राम जी के रहने के लिए कुटिया के निर्माण के लिए स्थान का चयन करके कहते हैं कि आप लोग यहां पर कुटिया का निर्माण करें। सबसे पहले रहने के लिए माता सीता, राम जी से कहती हैं कि आप और लक्ष्मण वन से बांस और घास फूस आदि ले आइए, सीता जी के आग्रह पर राम और लक्ष्मण वन जाकर बांस, घास और पत्ते आदि लाते हैं और कुटिया का निर्माण करते हैं।


मैं अपने पिता के वचनों का निरादर नहीं कर सकता- राम

इस लीला के उपरान्त भरत का वन प्रस्थान, निषाद राज भरत संवाद, भरत राम मिलन लीला हुई। इस प्रसंग में भरत, दशरथ की तीनों रानियां गुरू वशिष्ठ और कुछ अयोध्यावासी प्रजा राम की कुटिया के पास उनको अपने साथ लेने के लिए पहुंचते हैं। यह देखकर निषादराज अन्य लोगों को लेकर कुटिया के पास आने वाले लोगों को घेर लेते हैं और उनको आगे बढ़ने से रोकते हैं। वाद-विवाद होता देख भगवान राम, निषाद से कहते हैं कि यह क्या हो रहा है।


फिर निषाद कहते हैं कि यह युवक कुछ लोगों को लेकर आपकी कुटीर के पास आ रहा था तो मैंने इसे रोका कि कहीं यह आप पर हमला न करे इस बात को सुनकर राम उस युवक के पास जाते हैं तो उसे देखकर हैरान हो जाते हैं कि वह उनके छोटे भाई भरत हैं। दोनों लोग गले मिलते हैं और भरत, राम जी से कहते हैं कि आप अयोध्या वापस चलें लेकिन राम कहते हैं कि मैं अपने पिता के वचनों का निरादर नहीं कर सकता। इसलिए आप लोग अयोध्या वापस चले जाइए।


इस लीला के उपरान्त भरत का चरणपादुका लेकर वापस जाना लीला हुई, इस प्रसंग में भरत, राम जी से कहते हैं कि मैं ऐसे वापस अयोध्या नही जाऊंगा, आप अपनी चरणपादुका मुझें प्रदान कर दीजिए, इस बात को सुनकर राम जी अपनी चरणपादुका भरत को देते हैं, जिसको भरत अपने सिर पर रखकर अयोध्या वापस चले जाते हैं।

रामलीला के अगले सोपान में भरत का महल त्याग देना और नन्दीग्राम गमन लीला हुई, इस प्रसंग में जब भरत, राम जी की चरणपादुका लेकर अयोध्या पहुंचते हैं, तो वह राजगद्दी पर राम जी की चरणपादुका रखकर राजकाज आरम्भ करते हैं, इतना करने के बाद भरत, राम जी के प्रेम में विहृवल होकर मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाते हैं और एक सन्यासी के रूप में अपना नन्दीग्राम में रहने लगते हैं, यह लीला देखकर दर्शक भाव-विभोर हो जाते हैं।


रामलीला में आज मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय रहे

इस लीला के उपरान्त कैकेई भरत संवाद और कैकेई विलाप लीला हुई। इस प्रसंग में कैकेई, भरत से कहती हैं कि यह सब क्या कर रहे हो, भरत अपनी राजगद्दी संभालों। इस बात को सुनकर भरत और कैकेई में काफी विवाद होता है और कैकेई रोती-बिलखती हुई भरत को छोड़कर महल से बाहर निकल जाती है। ऐशबाग रामलीला में आज मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय को श्री राम लीला समिति ऐशबाग के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल और सचिव पं0 आदित्य द्विवेदी ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।



Shashi kant gautam

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