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दशहरा विशेष: यहां मुस्लिम कारीगर बनाते हैं दशानन का पुतला

आगामी आठ अक्टूबर को दशहरा का पर्व पूरे देश मे मनाया जाएगा इसकी तैयारी पूरे जोर शोर से चल रही है दशहरा पर्व पर रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतलों को फूंका कर बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।

SK Gautam
Published on: 19 July 2023 2:22 AM GMT (Updated on: 19 July 2023 2:23 AM GMT)
दशहरा विशेष: यहां मुस्लिम कारीगर बनाते हैं दशानन का पुतला
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फैसल खान

बिजनौर: दशहरा हिन्दू समुदाय के लिए एक बड़ा त्यौहार है जो कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसीलिए इस त्यौहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। माता दुर्गा की अलग-अलग रूपों की नौ दिन पूजा करने के बाद दसवें दिन कालजयी चरित्र और बुराई का प्रतीक माने जाने वाले रावण, विभीषण और कुंभ के विशालकाय पुतले को जलाकर बुराई का नाश किया जाता है।

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पेश करते हैं हिन्दू-मुस्लिम एकता की एक मिशाल

दरअसल बिजनौर में यह पुतले मुस्लिम समुदाय के कारीगर हिन्दू भाईओं के लिए तैयार कर हिन्दू-मुस्लिम एकता की एक मिशाल सालों से पेश करते चले आ रहे हैं।

आगामी आठ अक्टूबर को दशहरा का पर्व पूरे देश मे मनाया जाएगा इसकी तैयारी पूरे जोर शोर से चल रही है दशहरा पर्व पर रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतलों को फूंका कर बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।

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मुस्लिम परिवार पिछले 40 वर्षों से बनाता है रावण का पुतला

रावण, मेघनाथ और कुंभ करण के पुतलों को बिजनौर के मुस्लिम कारीगर तैयार करते है यह काम मुस्लिम परिवार पिछले 40 वर्षों से करता चला आ रहा है कारीगर सलमान का कहना है कि वह यह काम उनके यहां दादा के समय से होता चला आ रहा है और आज भी इसी तरह से चलता आ रहा है जिससे हिन्दू मुस्लिम एकता की एक मिसाल पेश होती है। उनका यह भी कहना है कि पुतलों को दो महीने की कड़ी मेहनत से 6 कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है।

SK Gautam

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