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E-Rickshaw in UP: यूपी में अब जाम से मिलेगी राहत, शासन ने ई-रिक्शा हटाने के दिए निर्देश
E-Rickshaw Ban in UP: शासन ने मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने और फीडर रूट तय करने के लिए तीन माह का वक्त दिया है।
E-Rickshaw in UP: उत्तर प्रदेश के तमाम मुख्य सड़कों पर अब ई-रिक्शा दौड़ते नजर नहीं आएंगे। प्रदेश सरकार ने इस बाबत एक आदेश जारी कर दिया है। सभी जिलों के डीएम को भेजे पत्र में कहा गया कि शहरों में जाम और दुर्घटना की वजह बन रहे ई-रिक्शा को मुख्य मार्गों से हटाना बेहद जरूरी हो गया है। राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक, ई रिक्शा लिंक मार्गों से सवारियों को लेकर मुख्य मार्ग तक आएंगे मगर उस पर चलेंगे नहीं। हालांकि, इस कार्रवाई को अंजाम देने से पहले फीडर रूट तय किए जाएंगे।
फीडर रूट तय करने के लिए 3 माह का समय
परिवहन आयुक्त एल वेंकटेश्वर लू की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि परिवहन, पुलिस, ट्रैफिक, नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम संबंधित जिले में सर्वे करे। संयुक्त सर्वे के बाद ई-रिक्शा के लिए फीडर रूट का निर्धारण किया जाए। जिला सुरक्षा समितियों की हर माह होने वाली बैठक में इसकी समीक्षा भी जाए। शासन ने मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने और फीडर रूट तय करने के लिए तीन माह का वक्त दिया है। बता दें कि मुख्य मार्गों को जोड़ने वाली सड़क को ही फीडर रूट नाम दिया गया है।
मकसद से भटके ई – रिक्शा
दरअसल, शहरों में बढते प्रदूषण और आबादी में बढोतरी को ध्यान में रखकर सरकार ने डीजल और पेट्रोल से संचालित वाहनों को हटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया। उन रूटों पर ई-रिक्शा के संचालन की अनुमति थी, जिन पर सीधे तौर पर यातायात साधनों का अभाव था। ई-रिक्शा उन रूटों से सवारियों को मुख्य मार्ग तक लाकर सुविधा प्रदान करने के लिए संचालित किए जाने थे। लेकिन वर्तमान में ई-रिक्शा अपने मकसद से भटककर कॉलोनियों के बजाय मुख्य मार्गों पर चल रहे हैं। इससे शहर के अंदर भीषण जाम लगने लगा है। मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की संख्या में भारी बढ़ोतरी हादसे की वजह भी बन रहे हैं।