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Gorakhpur: पूर्वी UP बनेगा औषधीय खेती का बड़ा केंद्र, Ayurveda Hub के लिए हुआ करार
Gorakhpur News: इस करार के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय आयुर्वेद के सभी क्षेत्रों में शोध की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश को औषधीय खेती का बड़ा केंद्र बनाएंगे।
Gorakhpur Ayurveda Hub: आयुष (Ayush) और आयुर्वेद (Ayurveda) का हब बनने की दिशा में गोरखपुर गुरुवार को और आगे बढ़ गया। आयुर्वेद समेत समूचे आयुष पद्धति को मॉडर्न मेडिसिन के समानांतर खड़ा करने के मजबूत प्रयास के तहत महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय (Guru Gorakhnath Ayush University) और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम (Mahayogi Gorakhnath University Arogyadham) के बीच कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एमओयू हस्ताक्षरित (MoU Signed) व हस्तांतरित हुआ।
इस करार के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय आयुर्वेद के सभी क्षेत्रों में शोध की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश को औषधीय खेती (Medicinal Farming) का बड़ा केंद्र बनाएंगे।
MoU Signed, चलाएंगे अभियान
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी के बीच गुरुवार को एमओयू का आदान-प्रदान हुआ। एमओयू के अनुसार, दोनों विश्वविद्यालय मिलकर गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद समेत आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति जनजागरण का अभियान चलाएंगे।
आयुर्वेद के क्षेत्र में हर संभावना पर देंगे जोर
साथ ही, आयुर्वेद के क्षेत्र में हर उस संभावना पर ध्यान दिया जाएगा। जिस पर शोध व अनुसंधान से समाज को हानिरहित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सके। दोनों विश्वविद्यालयों ने औषधीय खेती को बढ़ावा देने के प्रति भी साझी प्रतिबद्धता दर्शायी।
आयुष हब बनाने की तैयारी
इस अवसर पर आयुष विश्वविद्यालय (Ayush University) के कुलपति प्रो. एके सिंह ने कहा, कि 'आज हुए करार से गोरखपुर को केंद्र में रखकर पूर्वी उत्तर प्रदेश आयुर्वेद और आयुष का हब (Hub Of Ayush) बनाने की तैयारी और सुदृढ़ हुई है। आयुर्वेद की समृद्धि से औषधीय खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। औषधीय खेती किसानों की आय को विस्तारित करेगी।' महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा, कि आज हस्ताक्षरित और हस्तांतरित हुआ एमओयू आयुर्वेद को मॉडर्न मेडिसिन के समानांतर खड़ा करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के कुलसचिव डॉ प्रदीप राव, प्रो. गणेश पाटिल, डॉ. बी सुमित, डॉ. प्रज्ञा सिंह समेत दोनों विश्वविद्यालयों के विशिष्टजन मौजूद रहे।