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UP News: मायावती सरकार में हुए स्मारक घोटाले में फंसे BJP MLA त्रिभुवन राम, ED ने किया तलब

UP News: चर्चित स्मारक घोटाले में बीजेपी विधायक त्रिभुवन राम बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं।

Sonali kesarwani
Published on: 22 Oct 2024 11:39 AM IST (Updated on: 22 Oct 2024 12:06 PM IST)
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UP News (social media) 

UP News: मायावती सरकार के समय हुए स्मारक घोटाले मामले में ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है। स्मारक घोटाले में 14 अरब रूपए का घोटाला बताया जा रहा है। जिसमें अब बीजेपी विधायक बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। ईडी ने स्मारक घोटाले मामले में बीजेपी विधायक त्रिभुवन राम को समन जारी किया है। वाराणसी के अजगरा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक टी राम की भूमिका को लेकर ईडी ने सवाल उठाए हैं.

दिवाली से पहले पेश होने का आदेश

इस मामले में मिली जानकारी के मुताबैक अभियंता और विधायक, दोनों को दीपावली से पहले ईडी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है। इस मामले में ईडी ने खनन विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक एवं सलाहकार सुहैल अहमद फारुखी को भी समन जारी किया है। स्मारक मामले में सफाई देते हुए बीजेपी विधायक ने कहा कि उनका इससे कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी अपने बयान में ये साफ़ किया है क़ी वह इससे जुड़ी किसी कमेटी में शामिल नहीं थे।

बीजेपी विधायक ने क्या कहा

इस मामले को लेकर त्रिभुवन राम का कहना है कि उन्हें अभी तक ईडी की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होने बताया कि तीन महीने पहले उनसे इस घोटाले को लेकर पूछताछ की गई थी तब उन्होंने जांच एजेंसियों को यह बता दिया था कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। स्मारक घोटाले को लेकर ईडी ने बीते दिनों त्कालीन खनन निदेशक रामबोध मौर्य, बसपा सरकार में प्रमुख सचिव, आवास व शहरी नियोजन रहे मोहिंदर सिंह व लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष हरभजन सिंह से के बयान भी दर्ज किए थे।


स्मारक घोटाला क्या था

प्रदेश में जब मायावती की सरकार थी तब उन्होने नॉएडा और लखनऊ में पार्कों और स्मारकों का निर्माण कराया गया था। जिसमें सरकार के ऊपर 1400 करोड़ रुपये के पत्थर घोटाले का आरोप लगा है। दरअसल इसमें कहा गया कि पार्क बनाने के लिए लगभग 4,300 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे। इसमें से लगभग 4200 करोड़ रुपए ही खर्च हुए थे। बाद में जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार आई तब उन्होंने लोकायुक्त से इसकी जाँच की सिफारिस की। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन के मेहरोत्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में 1400 करोड़ रुपये के घोटले की पुष्टि करते हुए 19 लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था।



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Content Writer

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