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UP Education Model: यूपी शिक्षा मॉडल बदला, कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे यहां परिषदीय स्कूल

UP Education Model: इन बदलावों के चलते परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पढ़ने के लिए अधिक दूर नहीं जाना पड़ रहा है।

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Newstrack Network
Published on: 8 July 2022 3:56 PM IST
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यूपी शिक्षा मॉडल बदला (फोटो : सोशल मीडिया )

UP Education Model: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) का शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर जबरदस्त जोर है। जिसके तहत सवा लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है और इन विद्यालयों में नामांकन कराने वाले बच्चों की संख्या 1.9 करोड़ तक पहुंच गई है। नतीजतन कई परिषदीय विद्यालय (council school) जहां कान्वेंट स्कूलों (convent schools) को टक्कर देने की स्थिति में आ चुके हैं वहीं कुछ औद्योगिक घराने भी इन विद्यालयों को गोद लेकर इनके कायाकल्प का बीड़ा उठाने के लिए आगे आए हैं।

इन बदलावों के चलते परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पढ़ने के लिए अधिक दूर नहीं जाना पड़ रहा है। सरकार ने एक से तीन किमी की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है, ताकि कोई भी पात्र बच्चा प्राथमिकता शिक्षा से वंचित न रहे।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन विद्यालयों में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए चलाये जा रहे कायाकल्प अभियान के तहत एक लाख तीस हजार से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है। इसी का परिणाम है इन परिषदीय स्कूलों में नामांकन कराने वाले बच्चों की संख्या एक करोड़ 90 लाख तक पहुँच गयी है।

गरीब परिवारों के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं

इसके अलावा सरकार ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराने का भी फैसला किया है। इसका लाभ हर बच्चे को मिले इसके लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल, बैग व जूता मोजा खरीदने की धनराशि अब बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों के खाते में सीधे भेज रही है। इससे अब तक एक करोड़ 57 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। चलाये गये कायाकल्प अभियान के तहत 1.30 लाख विद्यालयों में 19 मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं हैं।

शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार ने प्राथमिक ही नहीं माध्यमिक और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक सुधार किये हैं। जिसके तहत यूपी बोर्ड की परीक्षा की शुचिता को बनाए रखने के लिए भी कदम उठाये गए हैं। कभी नकल के लिए बदनाम रही यूपी बोर्ड परीक्षा की शुचिता को बनाये रखने के लिए सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था की है।

नई व्यवस्था के तहत यूपी बोर्ड के केंद्रों का आनलाइन निर्धारण, आनलाइन पंजीकरण, आनलाइन मान्यता व आनलाइन डुप्लीकेट अंकपत्र की व्यवस्था की गई। नकलविहीन परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड के हर केन्द्र पर सीसीटीवी की निगरानी में करायी जा रही है। नकल माफिया पर पूरी तरह नकेल कसे गये हैं। इसी तरह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कदम उठाए गए हैं।

15 विश्वविद्यालयों में दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना

प्रदेश में तीन राज्य विश्वविद्यालयों का निर्माण तेजी से हो रहा है। इनमें सहारनपुर में मां शाकम्भरी विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय और अलीगढ़ में बन रहा राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय शामिल है। इसके अतिरिक्त 75 नये राजकीय महाविद्यालय भी निर्माणाधीन हैं। सरकार ने महापुरुषों और ऐतिहासिक घटनाओं पर शोध के लिए शोध पीठों की स्थापना की गई है। इसके तहत 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ, लखनऊ विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस, अटल सुशासन पीठ व महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय रोजगार पीठ की स्थापना की गई है। जबकि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चौरीचौरा अध्ययन केन्द्र की स्थापना की गई है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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