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UP News: आठ फ्लैट वाले अपार्टमेंट भी अब रेरा की जद में, पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य

UP News: रेरा की इस पहल से कम आय वाले छोटे खरीदारों को ठगी से बचाया जा सकेगा, वहीं पारदर्शिता बढ़ेगी और बिल्डरों की जवाबदेही भी तय होगी।

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Newstrack Network
Published on: 9 July 2024 9:46 AM IST
UP RERA
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UP RERA   (PHOTO: SOCIAL MEDIA )

UP News: अब शहरों में नियम-कानून को ताक पर रखकर बने छोटे अपार्टमेंट भी रेरा (रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण) की रडार पर हैं। अब ऐसे अपार्टमेंट्स पर रेरा लगाम लगाएगा। इसके लिए पहली बार 500 वर्गमीटर या मात्र आठ फ्लैट वाले अपार्टमेंट का पंजीकरण भी रेरा में अनिवार्य कर दिया गया है। इससे कम आय वाले छोटे खरीदारों को ठगी से बचाया जा सकेगा।

ताकि ग्राहकों को बाद में कोई दिक्कत न हो

सुधार के लिए रेरा की यह बड़ी पहल मानी जा रही है। पारदर्शिता के लिए रेरा ने छोटे अपार्टमेंट का पंजीकरण अनिवार्य किया है। ऐसी इमारतों में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को बाद में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए बिल्डर से शून्य देनदारी का शपथपत्र भी लिया जा रहा है। फ्लैट का कब्जा देने में विलंब करने वाले बिल्डरों के खिलाफ शिकायत की सुविधा भी ग्राहकों को दी गई है। ऐसे मामलों में बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।

अनिवार्य रूप से पंजीकृत कराना होगा

रियल एस्टेट सेक्टर के हितधारकों और घर खरीदारों के लिए वेबसाइट ूू.नच- तमतं.पद बनाई गई है, जिस पर विकास प्राधिकरणों के प्लानिंग एरिया में आने वाले किसी भी निर्माण को रेरा में अनिवार्य रूप से पंजीकृत करवाना होगा। पोर्टल पर परियोजना से जुड़े नक्शे, लेआउट, फ्लैटों की संख्या, क्षेत्रफल, निर्माण शुरू होने से पूर्ण होने तक की सीमा, तिमाही प्रगति रिपोर्ट आदि अपलोड करने की सुविधा दी गई है।

लखनऊ समेत 15 शहरों में 20 हजार से ज्यादा अपार्टमेंट

गली-गली टावर के रूप में बने छोटे अपार्टमेंट हर लिहाज से खतरनाक हैं। न इनके निर्माण की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं होती है और न ही इन्हें बेचने या अनुबंधों पर किसी का नियंत्रण रहता है। अवैध रूप से बनी इन इमारतों के फ्लैटों की खरीदारी ज्यादातर नकद होती है। रजिस्ट्री की बाध्यता से नाममात्र का लेनदेन कागजों में किया जाता है। इन फ्लैटों के खरीदारों की सुनवाई भी कहीं नहीं होती है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, नोएडा समेत 15 शहरों में ऐसे 20 हजार से ज्यादा अपार्टमेंट हैं।

जवाबदेही और जिम्मेदारी आई है

इस बारे में रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा अधिनियम से रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े हितधारकों में आवश्यक पारदर्शिता, जवाबदेही और जिम्मेदारी आई है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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