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धार्मिक होर्डिंग उतारने पर भड़का समुदाय, हंगामे के बाद प्रशासन ने जताया खेद
समुदाय में आक्रोश फैल गया और लोगों की भीड़ एडीएम आवास पर पहुंच गई। ठोस आश्वासन न मिलने पर आक्रोशित लोगों ने पीपल तिराहा मार्ग जाम कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। उनकी मांग थी कि प्रशासन गुरूद्वारे में आकर इसके लिये माफी मांगे।
बहराइच: आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक दलों के होर्डिंग और बैनर हटाने के दौरान सिख समुदाय से जुड़े बैनर हटाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। गुरुवार को प्रशासन ने विभिन्न चौक चैराहों से होर्डिंग हटाने का अभियान छेड़ा तो गुरु गोविंद सिंह जयंती और अन्य धार्मिक होर्डिंग-बैनर भी हटा दिए गए।
गुरुद्वारा प्रबंध समिति ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने कई राजनीतिक रसूखदारों की होर्डिंग छोड़ दिये और धार्मिक बैनर-होर्डिंग हटा दिये। समिति ने ये होर्डिंग-बैनर गुरुद्वारे को सौंपने की मांग की है, ताकि उन पर लगी गुरूओं की फोटो का अनादर न हो।
होर्डिंग हटाने पर हंगामा
-चुनाव आचार संहिता लगते ही प्रशासन ने शहर भर में होर्डिंग-बैनर उतारने का अभियान शुरू किया है।
-इसी दौरान गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के लिये लगाये गये पोस्टर-बैनर और होर्डिंग्स भी उतार दिये गये।
-कुछ जगहों पर विरोध के चलते प्रशासन पीछे हट गया लेकिन शहर के रोडवेज और केडीसी के पास लगी होर्डिग्स हटा दी गईं।
विरोध प्रदर्शन
-इससे सिख समुदाय में आक्रोश फैल गया और लोगों की भीड़ एडीएम आवास पर पहुंच गई।
-ठोस आश्वासन न मिलने पर आक्रोशित लोगों ने पीपल तिराहा मार्ग जाम कर दिया और प्रदर्शन करने लगे।
-प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि हटाई गई होर्डिंग वापस की जाएं और प्रशासन गुरूद्वारे में आकर इसके लिये माफी मांगे।
-तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन समुदाय को मनाने में विफल रहा।
-लेकिन धीरे धीरे बढ़ती तादाद देख कर प्रशासन के पसीने छूटने लगे।
प्रशासन ने जताया खेद
-आखिरकार, अपर जिलाधिकारी विद्याशंकर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी और नगर क्षेत्राधिकारी पीपल तिराहे पर पहुंचे और माफी मांगने की इच्छा जताई।
-इसके बाद सभी अधिकारी गुरूद्वारे पहुंचे और नगर क्षेत्राधिकारी ने माइक पर लोगों के सामने खेद जताया।
-प्रशासन द्वारा माफी मांगने के बाद आक्रोशित भीड़ शांत हुई और धरना समाप्त किया।
आगे स्लाइड्स में देखिए हंगामे से जुड़े कुछ और फोटोज...