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चुनाव खत्म होते ही अपराधी बेलगाम, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

raghvendra
Published on: 14 Jun 2019 7:46 AM GMT
चुनाव खत्म होते ही अपराधी बेलगाम, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
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कपिल देव मौर्य

जौनपुर: लोकसभा चुनाव के बाद जिले में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। अपराधियों ने एक सप्ताह के अन्दर हत्या, लूट, बलात्कार जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। पुलिस भले ही कुछ मामलों में नामजद हत्यारों को पकडक़र जेल भेजकर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन सच तो यह है कि पुलिस आज भी कई मामलों का खुलासा करने में विफल रही है। जिले में बढ़ते अपराधों को लेकर सपा व उसके नेताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके बावजूद पुलिस की सेहत पर कोई असर नहीं दिख रहा है।

लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद 30 मई 2019 को मुख्यालय से 15 किमी दूर थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित ग्राम सुल्तानपुर में दिनदहाड़े दबंग बदमाशों ने दशरथ चौहान नामक ग्रामीण की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दिया। इस मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था तो पुलिस ने घटना के पांच दिन बाद हत्यारों की गिरफ्तारी दिखाकर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डालने का दावा किया है। इसके एक दिन पहले इसी थाना क्षेत्र के भकुरा गांव में शिवकुमार सिंह नामक व्यक्ति ने अपने लाइसेंसी बन्दूक से अपने पुत्र की हत्या कर दी थी जिसे पुलिस ने गिरफ्तार दिखाकर वाहवाही लूट ली है।

सपा नेता को भून डाला

इन घटनाओं की आग अभी शांत नहीं हुई थी कि 31 मई को दिनदहाड़े लगभग 9 बजे दिन में नकाबपोश बदमाशों ने सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के अन्दर खानपुर पेट्रोल पंप के पास शाहगंज मार्ग पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर सपा नेता लालजी यादव की हत्या कर दी और भाग निकले।

इस घटना को लेकर सपा के लोग सडक़ पर उतरे, लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारों को नहीं पकड़ सकी है। इस घटना को पुलिस गैंगवार मान रही है। मृतक पर 14 अपराधिक मुकदमे दर्ज थे। वैसे दिनदहाड़े हुई यह घटना पुलिसिया कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।

इस मामले में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया मगर आज तक पुलिस अपराधियों के गिरेबान तक नहीं पहुंच सकी है। इस घटना के पश्चात सपा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी मृतक के परिजनों से आकर मिले और चेतावनी दी कि जल्द हत्यारे जेल की सीखचों में कैद नहीं हुए तो सपा सडक़ पर आने को मजबूर होगी।

हत्या के बाद टैंक में डालकर शव जलाया

इस आग से पूरा जिला जल ही रहा था कि एक जून को खेतासराय थाना क्षेत्र के गांव पोरई खुर्द में बदमाशों ने रामबृक्ष चौरसिया नामक अधेड़ की हत्या कर उसकी लाश का करगांव के ट्यूबवेल के टैंक में डालकर जला दिया था। इस हत्याकांड का खुलासा करने में पुलिस नाकाम रही है।

रामबृक्ष अपने घर से दूर पाही पर सोता था जहां पर उसकी हत्या की गई। इन तमाम अपराधिक घटनाओं को लेकर पुलिस जूझ ही रही थी कि 3/4 जून की रात्रि में थाना बक्शा क्षेत्र स्थित कौली गांव में बालाजी ईट भ_े पर काम करने वाले झारखंड के श्रमिक छोटेलाल की धारदार हथियार से गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। इस मामले पुलिस ने मृतक की पत्नी को आरोपी बताकर उसे जेल के सीखचों के पीछे भेज दिया है।

इसके अतिरिक्त 05 जून को थाना सरपतहां क्षेत्र के ग्राम पट्टी नरेन्द्र पुर दुबान में रमेश चन्द दूबे के 14 वर्षीय पुत्र विशाल दूबे की लाश सरपत के झुरमुट से मिली। हत्यारों का पता आज तक नहीं चल सका है। 08 जून को थाना मीरगंज के ग्रामअलापुर में जवाहरलाल के 16 वर्षीय पुत्र पवन कुमार की हत्या कर लाश मकान से महज 100 मीटर दूरी पर फेंकी मिली।

कई मामलों का खुलासा नहीं कर सकी पुलिस

इस तरह लगातार हत्याओं की घटनाओं से जहां पूरा जिला थर्रा उठा है वहीं जनपद के अन्दर हो रही महिला अपराध से जुड़ी घटनाएं भी जिले में कानून व्यवस्था का तार-तार करती नजर आ रही हैं। अपराधिक घटनाओं को रोकने के दावे तो बहुत किए जा रहे हैं, लेकिन उसे रोकने में कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है। कई घटनाएं ऐसी हैं जिनमें पुलिस की लापरवाही स्पष्ट रूप से बतायी जा रही है। पुलिस यदि सक्रिय होती तो शायद अपराध पर नियंत्रण संभव है। मजेदार बात यह भी है कि अपराधों में भले ही नामजद अपराधी पकड़े जा सके हैं, लेकिन अज्ञात मामलों का खुलासा करने में पुलिस असफल रही है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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