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ऊर्जा मंत्री की अनसुनी कर बिजली विभाग जुटा 40 लाख और मीटरों की खरीद में

देश के तमाम शहरों में 5 जी की टेस्टिंग चल रही है, किन्तु पावर कारपोरेशन 2जी सिम अपग्रेड कर 3जी नेटवर्क के स्मार्ट मीटर लगा रहा है।

Aditya Mishra
Published on: 8 July 2019 5:34 PM GMT
ऊर्जा मंत्री की अनसुनी कर बिजली विभाग जुटा 40 लाख और मीटरों की खरीद में
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धनंजय सिंह

लखनऊ: बिजली विभाग में मीटरों के अपग्रेडेशन के खेल में मंत्री बात को दरकिनार कर चल रही है चालीस लाख और मीटरों की खरीद की प्रक्रिया। देश के तमाम शहरों में 5 जी की टेस्टिंग चल रही है, किन्तु पावर कारपोरेशन 2जी सिम अपग्रेड कर 3जी नेटवर्क के स्मार्ट मीटर लगा रहा है।

जबकि देश में 3जी नेटवर्क खत्म हो रहा है। 4जी चलन में है। तकरीबन 1300 करोड़ रुपये के 40 लाख स्मार्ट मीटर आ चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ लगभग 40 लाख और मीटर खरीद की प्रक्रिया चल रही है। एक तरफ ऊर्जा मंत्री पूरी प्रक्रिया की जांच की बात कर रहे है।

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पांच वर्ष तक मीटरों की गांरटी

वर्तमान में जो भी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लग रहे हैं, वह 2जी को अपग्रेड कर 3जी टेक्नोलाजी पर आधारित हैं। इन मीटरों की गारंटी अवधि पांच वर्ष है।

जबकि मोबाइल नेटवर्क अब 4जी से 5जी टेक्नोलाजी की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में पुरानी टेक्नोलाजी के मीटर लगाने से कुछ दिनों बाद उपभोक्ताओं को दिक्कत आना लाजमी है।

इसी प्रकार औद्योगिक कनेक्शनों में लगने वाले मीटर भी 3जी टेक्नोलाजी के खरीदे जा रहे हैं। उसे भी 4जी व 5जी टेक्नोलाजी का होना चाहिए। जिससे आने वाले समय में उसके अपग्रडेशन कि आवश्यकता न रहे।

वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा इस मामले की छानबीन कराने की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ नए मीटरों की खरीद के टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। ऊर्जा मंत्री कहते है कि जब पुरानी तकनीकी के मीटर लगाए जा रहे हैं तो उन्हें बदला जाएगा।

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मीटरों की खरीद पर उठे सवाल

अब प्रश्न उठता है कि जब मंत्री जाँच कि बात कर रहे हैं, तो बिजली विभाग नए मीटरों कि खरीद प्रक्रिया को कैसे गति दे रहा है। ऐसे में पावर कारपोरेशन और ऊर्जा मंत्री के कार्य शैली पर प्रश्न लगना स्वाभाविक है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो वह भी कहते हैं कि पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं के यहां चलते हुए मीटर उतारकर स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं।

अभी तक 40 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे जा चुके हैं। अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम अतिरिक्त 40 लाख स्मार्ट मीटर जिसकी लागत लगभग 1300 करोड़ है, का टेण्डर जारी कर रहा है।

ऐसे में इतनी जल्दी फिर नए मीटरों की खरीद पर सवाल उठना लाजिमी है। नए मीटरों को खरीदने से पहले उनकी परफार्मेन्स और तकनीक को भी देखा जाना चाहिए।

Aditya Mishra

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