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Lucknow News: निजीकरण के विरुद्ध बिजली कर्मचारियों का शक्ति भवन पर धरना प्रदर्शन, 29 से करेंगे कार्य बहिष्कार

Lucknow News: आज शक्ति भवन लखनऊ पर इंजीनियर और कर्मचारियों ने वेतन, कई तरह की विसंगतियों और पावर कॉर्पोरेशन के तानाशाही पूर्ण रवैये के विरुद्ध धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

Prashant Dixit
Published on: 17 Nov 2022 2:31 PM GMT (Updated on: 17 Nov 2022 2:38 PM GMT)
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विद्युत कर्मचारी सयुक्त संघर्ष समिति यूपी के संयोजक शैलेंद्र दुबे (न्यूज नेटवर्क)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ स्थित शक्ति भवन पर आज इंजीनियर और कर्मचारियों ने वेतन, कई तरह की विसंगतियों और पावर कॉर्पोरेशन के तानाशाही पूर्ण रवैये के विरुद्ध धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस धरने में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटें और इन इंजीनियरों ने बताया, कि प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने की नोटिस पहले ही अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को भेज दी गई है।

Newstrack से बात करते हुए कर्मचारियों ने बताया कि कई दौर की वार्ता के बाद भी हमारी मांगों पर कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने के बाद हम लोग धरना देने के लिए मजबूर हो गए हैं।

29 से कार्य बहिष्कार पर

बिजली कर्मचारी सयुक्त संघर्ष समिति यूपी के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कर्मचारियों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो हम सभी कर्मचारी 29 नवंबर से कार्य बहिष्कार शुरू कर देगे। सभी ऊर्जा निगमों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने की नोटिस अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को भी भेज दी गई है। शक्ति भवन के बाहर धरना दे रहे कर्मचारियों ने बताया कई बार की वार्ता के बाद भी उनकी मांगों पर कोई संतोषजनक कार्रवाई न होने के बाद यह नोटिस जारी किया गया है। इस से हम लोग ने साफ कर दिया, कि किसी भी स्थिति में कर्मचारी समझौता करना नहीं चाहते है। उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और बड़ा होगा।

बिजली कर्मचारियों की ये हैं मांगे

1 - निर्धारित चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशकों और निदेशकों के पदों पर चयन किया जाए।

2 - आगरा और ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाए उत्तर प्रदेश में में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाए।

3 - सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाए और 9 वर्ष, कुल 14 वर्ष व 19 वर्ष की सेवा के बाद तीन प्रमोशन वेतनमान दिया जाए।

4 - भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची रोकने के लिए लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किए जाए और कर्मचारियों की वेतन की विसंगतियों को दूर किया जाए।

5 - ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए और बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाए।

6 - ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश को तुरंत वापस लिए जाए और 765/400/220 विद्युत उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाए।

7 - तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली व उड़ीसा सरकार के आदेश की भांति ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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