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UP News: बिजली कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी

UP News: प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने काम बन्द कर दिन भर विरोध प्रदर्शन किये और ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के रवैये की तीव्र भर्त्सना की।

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Published on: 30 Nov 2022 11:15 AM GMT (Updated on: 30 Nov 2022 12:47 PM GMT)
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बिजली कर्मचारी कार्य छोड़कर विरोध प्रदर्शन करते हुए

UP News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर ऊर्जा निगमों में 29 नवम्बर से प्रारम्भ अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार आज दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने काम बन्द कर दिन भर विरोध प्रदर्शन किये और ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के रवैये की तीव्र भर्त्सना की। आम जनता को तकलीफ न हो इस दृष्टि से कार्य बहिष्कार के चालू चरण में बिजली उत्पादन घरों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण विद्युत उपकेन्द्रों की पाली में तैनात बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आन्दोलन से फिलहाल अलग रखा गया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जी.वी. पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चन्द्रभूषण उपाध्याय, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो. वसीम, सुनील प्रकाश पाल, राम चरण सिंह, ए.के. श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपेई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद और आर.के. सिंह ने आज यहां जारी बयान में ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन पर हठवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि चेयरमैन बिजली कर्मियों की समस्याओं के बारे में सही तथ्य न बताकर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। जिससे ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो गया है और टकराव बढ़ रहा है। उन्होंने पुनः प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है जिससे ऊर्जा निगमो में कार्य का वातावरण बने और बिजली कर्मियों की न्यायोचित समस्याओं का समाधान हो सके।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शान्तिपूर्ण कार्य बहिष्कार आन्दोलन के कारण किसी भी बिजली कर्मी का कोई उत्पीड़न किया गया तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे और सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी उसी समय हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की होगी।

बिजली कर्मियों की मुख्य मांग है कि ऊर्जा निगमों में चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक के पदों पर समुचित चयन के बाद ही नियुक्ति की जाए। बिजली कर्मियों को पूर्व की तरह 09 वर्ष, 14 वर्ष एवं 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त पदोन्नति पद का समयबद्ध वेतनमान दिया जाये। बिजली कर्मियों को कैशलेस इजाल की सुविधा दी जाए। ट्रांसफॉर्मर वर्कशॉप का निजीकरण एवं पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण के आउटसोर्सिंग के आदेश निरस्त किए जायें।

इसके अलावा समस्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये। बिजली कर्मियों की सुरक्षा हेतु प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये। भत्तों का पुनरीक्षण किया जाये एवं उत्पादन प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाये। बिजली कर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा यथावत रखी जाये। बिजली कर्मियों/संविदा कर्मियों को बोनस का भुगतान किया जाये। संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये। बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियां दूर की जायें।


Jaunpur: निजीकरण के खिलाफ विद्युत विभाग के कर्मचारीगण दूसरे दिन भी किये धरना प्रदर्शन

बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त सघर्ष समिति के केन्द्रीय आह्वान पर प्रदेश के साथ जौनपुर में भी मुख्यालय पर स्थित 132 के0वी0 अधीक्षण अभियन्ता कार्यालय में विद्युत कर्मचारी संयुक्त सघर्ष समिति के बैनर तले इं. पंकज जायसवाल की अध्यक्षता में बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार हुआ। इस दौरान जनपद के ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता, संविदा कर्मियों ने भारी संख्या में भाग लिया।

आयोजित सभा में मुख्य रूप से शीर्ष ऊर्जा निगम प्रबन्धन के स्चेच्छाचारी, तानाशाहीपूर्ण रवैये के कारण कर्मचारियों, अभियन्ताओं की न्यायोचित समस्याओं का समधान एक लम्बे अवधि से न हो पाने आदि मुद्दों पर व्यापक विचार—विमर्श हुआ। साथ ही संघर्ष समिति के जनपद संयोजक निखिलेश सिंह ने कहा कि जब तक प्रबन्धन हमारी मांगे नहीं मान लेती है तब तक हम झुकने वाले नहीं हैं। साथ ही कार्य बहिष्कार जारी रखा जायेगा जिसके कारण होने वाली सम्पूर्ण औद्योगिक अंशाति, निगमीय कार्य व्यवधान सहित अन्य जन-असुविधाओं की जिम्मेदारी उ0प्र0 पावर कारपोरेशन प्रबन्धन की होगी।

इं. ए0के0 सिंह, इं. अभिनव गर्ग, इं. एस0के0 सिंह, इं. रविन्द्र पाल, इं. धर्मेन्द्र गुप्ता, इं. अजीजुल हसन अंसारी, इं. अभिषेक केसरवानी, असगर मेंहदी, मनीष श्रीवास्तव, संजय यादव, अंकुर शुक्ला, रण बहादुर, गिरीश यादव आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि सरकार हठधर्मिता पर आ गयी है। कर्मचारियों एवं आम जनता की उपेक्षा कर रही है तथा स्वयं के लाभ के लिए निजी संस्थानों को बेच रही है। इसी क्रम में बिजली विभाग को भी बेचने की भरपूर कोशिश की जा रही है।

प्रबन्धन द्वारा कर्मचारियों को सुविधा प्रदान नहीं की जाती है जिसके कारण विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती है तथा लाइन कर्मचारियों को अपनी जान गवानी पड़ती है। जनमानस में भ्रामक झूठ फैलाया जाता है कि बिजली कर्मचारी काम नहीं करते जबकि प्रबन्धन ही कर्मचारियों को काम नहीं करने देता। प्रबन्धन का एक मात्र लक्ष्य विद्युत विभाग को बेचना है जिसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को होगा। इस अवसर पर इं. निजामुद्दीन, इं. आतिश यादव, अश्वनी श्रीवास्तव, सत्य नारायन उपाध्याय, अरविन्द मिश्रा, विश्राम मौर्या, संतोष श्रीवास्तव, विवेक कुमार, अखिलेश तिवारी, मुकुन्द यादव, प्रदीप प्रजापति, अजीत यादव, अभिषेक सिंह, चन्द्रशेखर उपाध्याय, अमित खरे, लक्ष्मीकांत, अशोक पटेल, जितेन्द्र यादव, विजय यादव, रविन्दर सिंह, सन्तराम सहित तमाम कर्मचारी एवं संविदा कर्मी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन बिजली कर्मचारी संयुक्त सघर्ष समिति के संयोजक निखिलेश सिंह ने किया।


Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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