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Lucknow News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति को आशंका, प्राविधानों का उल्लंघन कर निजीकरण, जल्दबाजी से होगा भारी घपला

Lucknow News: पूरी जमीन निजी घरानों को मात्र एक रुपए प्रति वर्ष की लीज पर दे दी जाएगी। इतने बड़े घोटाले की आशंका के बीच पॉवर कारपोरेशन की निजीकरण की तेजी समझ के परे है।

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Newstrack Network
Published on: 16 Dec 2024 7:43 PM IST
Electricity Employees Joint Struggle Committee says privatization in violation of provisions will cause heavy trouble
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा प्राविधानों का उल्लंघन कर निजीकरण, जल्दबाजी से होगा भारी घपला: Photo- Social Media

Lucknow News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने कहा है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन विद्युत वितरण निगमों को निजी घरानों को सौंपने की इतनी जल्दबाजी में है कि वह इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के प्राविधानों का घोर उल्लंघन करने पर तुला है। इससे भारी घपले की आशंका जताई जा रही है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी जनपदों में उपभोक्ताओं के लिए शुरू की गई एक मुश्त समाधान योजना की सफलता हेतु व्यापक अभियान चलाया, साथ ही उपभोक्ताओं को निजीकरण से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 131 में परिसंपत्तियों के निजी घरानों को ट्रान्सफर के नियम बताए गए हैं। सेक्शन 131 के अनुसार ऐसी परिसंपत्तियों का राजस्व क्षमता (Revenue Potential) के अनुसार मूल्यांकन कर ही हस्तांतरण किया जाएगा।

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 131 में आगे और स्पष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति या उपक्रम जो पूरी तरह से राज्य के स्वामित्व में नहीं है, अंतरिती (Transferee) द्वारा राज्य सरकार को उचित मूल्य (Fair Value) का भुगतान किया जाएगा।

निजीकरण की तेजी से बड़े घोटाले की आशंका

संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 15596 करोड़ रुपए और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के लिए 13938 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य है। यह कुल 29534 करोड़ रुपए है। स्वाभाविक है कि इन निगमों की राजस्व क्षमता इससे अधिक ही होगी। इसी प्रकार इनकी परिसंपत्तियों का अरबों खरबों रुपए का मोटा अनुमान है जिसे बेचने के लिए 1500 करोड़ रु रिजर्व प्राइस रखी गई है। पूरी जमीन निजी घरानों को मात्र एक रुपए प्रति वर्ष की लीज पर दे दी जाएगी। इतने बड़े घोटाले की आशंका के बीच पॉवर कारपोरेशन की निजीकरण की तेजी समझ के परे है।

पदाधिकारियों ने कहा कि जब पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की परिसंपत्तियों का सी ए जी के द्वारा ऑडिटेड मूल्यांकन ही नहीं किया गया है,तब इन वितरण निगमों की परिसंपत्तियों का स्थानांतरण किस उचित मूल्य (Fair Value) पर किया जाएगा। साथ ही परिसंपत्तियों का राजस्व क्षमता (Revenue Potential) के अनुसार मूल्यांकन किए बिना कैसे निजीकरण की बात इतनी तीव्र गति से बढ़ाई जा रही है।

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की परिसंपत्तियों का ऑडिटेड मूल्य और राजस्व क्षमता सार्वजनिक करना चाहिए।

संघर्ष समिति ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के लिए मुफ्त बिजली का आदेश कर दिया है किन्तु अभी भी किसानों का बिजली बिल पॉवर कारपोरेशन के राजस्व एरियर में चल रहा है जिससे ए टी एंड सी हानियों की गलत तस्वीर सामने रखकर निजीकरण किया जा रहा है। इस प्रकार के अनेक घोटाले हैं। इन पर पर्दा पड़ा रहे, इसीलिए निजीकरण की इतनी जल्दी है। 17 दिसम्बर को आगरा में हो रही बिजली पंचायत में आगरा के उपभोक्ता फोरम टोरेंट कंपनी के मनमानेपन को उजागर करेंगे।



Shashi kant gautam

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