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कर्मचारियों ने कहा, नोएडा-ग्रेटर नोएडा बिजली वितरण का लाइसेंस अदानी को दिए जाने का होगा विरोध

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के अनुसार बिजली वितरण का पैरेलल लाइसेंस लेने की बुनियादी शर्त यह है कि निजी कंपनी के पास उस क्षेत्र में अपने बिजली घर और लाइनों का नेटवर्क होना चाहिए जिस क्षेत्र में उसने लाइसेंस मांगा हो।

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Newstrack Network
Published on: 11 Jan 2023 4:00 PM IST
Electricity Employees will protest
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Electricity Employees will protest (Image: Newstrack)

Electricity Employees: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने आज यहां जारी बयान में कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के कार्यक्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा या अन्य किसी भी स्थान पर किसी निजी कंपनी को बिजली वितरण का लाइसेंस देने की कोशिश हुई तो इसका प्रबल विरोध किया जाएगा।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, जयप्रकाश, जीवी पटेल, गिरीश पांडे,सदरूद्दीन राना, राजेंद्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चंद्र भूषण उपाध्याय, महेंद्र राय,शशिकांत श्रीवास्तव, आर वाई शुक्ल, छोटे लाल दीक्षित,सनाउल्लाह, पी एन तिवारी, सुनील प्रकाश पाल, मो वसीम,प्रेम नाथ राय,आर के सिंह, ए के श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित,पी एस बाजपेई, रफीक अहमद, जी पी सिंह ने आज यहां जारी बयान में बताया कि अदानी पावर की कंपनी अदानी जेवर इलेक्ट्रिकल कंपनी लिमिटेड ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिजली वितरण का पैरेलेल लाइसेंस लेने हेतु हाल ही में उत्तर प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग में अर्जी दी है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के अनुसार बिजली वितरण का पैरेलल लाइसेंस लेने की बुनियादी शर्त यह है कि निजी कंपनी के पास उस क्षेत्र में अपने बिजली घर और लाइनों का नेटवर्क होना चाहिए जिस क्षेत्र में उसने लाइसेंस मांगा हो। उल्लेखनीय है कि नोएडा में बिजली वितरण करने का पूरा नेटवर्क पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास है और अदानी का कोई नेटवर्क वहां पर नहीं है।


उन्होंने आगे बताया कि ग्रेटर नोएडा में 1993 में निजी कंपनी एनपीसीएल को बिजली वितरण का लाइसेंस दिया गया था, जिसकी अवधि अगस्त 2023 में समाप्त हो रही है। ऐसे में यह नेटवर्क स्वतः पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास आ जाएगा। अतः ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में भी किसी भी कंपनी को तब तक लाइसेंस नहीं दिया जा सकता जब तक वह कंपनी अपना नेटवर्क पूरी तरह से न बना ले।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश की आम जनता को सावधान करते हुए बताया कि निजी कंपनी पावर कारपोरेशन के नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारी औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का लाइसेंस मांग रही है जिसका अर्थ साफ है कि निजी कंपनी बिना अपना नेटवर्क बनाए सरकारी कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को पावर कारपोरेशन से छीन लेगी जिसका पावर कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार यह प्रयोग न पावर कारपोरेशन के हित में है और न ही प्रदेश के कृषि और डोमेस्टिक उपभोक्ताओं के हित में।

संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार आम उपभोक्ताओं के व्यापक हित को देखते हुए विद्युत नियामक आयोग में अदानी पावर कंपनी द्वारा मांगे गए लाइसेंस का पुरजोर विरोध करें।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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