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Bijli Karmi Andolan: 13 दिसंबर को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे बिजली कर्मी, संघर्ष समिति का एलान

Bijli Karmi Andolan: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी 13 दिसंबर को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे।

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Newstrack Network
Published on: 12 Dec 2024 3:29 PM IST (Updated on: 12 Dec 2024 5:28 PM IST)
Bijli Karmi Andolan: 13 दिसंबर को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे बिजली कर्मी, संघर्ष समिति का एलान
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Bijli Karmi Andolan: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने निजीकरण का निर्णय लेकर ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण उत्पन्न किया है, निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी 13 दिसंबर को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे और कार्यालय समय के उपरांत उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों एवं परियोजनाओं में विरोध सभाएं करेंगे। संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन ने अनावश्यक तौर पर निजीकरण का निर्णय लेकर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है। बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक बिजली व्यवस्था बेहतर बनाने में लगे हुए थे लेकिन अब प्रबंधन इसे पटरी से उतार देने पर तुला हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जताया आभार

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो0 इलियास, श्री चन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय एवं विशम्भर सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के रहते हुए सबसे ज्यादा सुधार बिजली व्यवस्था में हो रहा है।


बिजली कर्मचारी और अभियंता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बिजली व्यवस्था के सुधार में लगातार लगे हुए हैं किंतु पता नहीं क्यों पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने अचानक प्रदेश के 42 जनपदों में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा कर बिजली कर्मियों को उद्वेलित कर दिया है और अनावश्यक रूप से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है । बिजली कर्मी अभी भी पूरी मेहनत से कार्य कर रहे हैं और निजीकरण के विरोध में सभी ध्यानाकर्षण कार्यक्रम कार्यालय समय के उपरांत कर रहे हैं जिससे बिजली व्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत ना हो।

मनाया जायेगा बिजली निजीकरण विरोधी दिवस

संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन के इस रवैया से पूरे देश के बिजली कर्मचारी और अभियंता आंदोलित हो गए हैं। 13 दिसंबर को उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में पूरे देश में बिजली निजीकरण विरोधी दिवस मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी और अभियंता भी इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा की दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से वर्ष 2023- 24 में प्रति यूनिट रुपया 4.47 मिल रहा है जबकि निजी क्षेत्र की टोरेंट कंपनी से आगरा शहर में पावर कारपोरेशन को मात्र रुपया 4.36 प्रति यूनिट मिला है। यह आंकड़े साफ तौर पर बता रहे हैं की ग्रामीण क्षेत्र और चंबल के बीहड़ रहते हुए भी दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से पावर कारपोरेशन को अधिक पैसा मिल रहा है और टोरेंट को बिजली देने में पावर कारपोरेशन को घाटा हो रहा है ।फिर भी निजीकरण के ऐसे विफल प्रयोग को पावर कार्पोरेशन प्रबंधन किस कारण से उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर थोपना चाहता है यह समझ में नहीं आ रहा है।


उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की अरबों रुपए की बेशक कीमती जमीन किस आधार पर मात्र एक रुपए में निजी घरानों को सौंप दी जाएंगी। यह जनता की परिसंपत्ति है। इसके अतिरिक्त अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों और कार्यालयों को बिना परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए किस आधार पर और कितने रुपए में निजी कंपनी को बेचने की तैयारी है? इन सब बातों से बिजली कर्मचारी और उपभोक्ता बहुत अधिक परेशान और उद्वेलित है। इसीलिए शांति पूर्ण ढंग से ध्यानाकर्षण कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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